India News Bihar (इंडिया न्यूज़), Bihar Education: बिहार के राज्य सरकार द्वारा इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में लैंग्वेज लैब स्थापित करने का फैसला लिया गया है। यह पहल छात्रों को उनकी भाषा और संचार कौशल में सुधार लाने का मौका प्रदान करेगी। विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने सभी संबंधित संस्थानों के प्राचार्यों को निर्देश दिया है कि वे लैंग्वेज लैब स्थापित करने की प्रक्रिया जल्द शुरू करें।

छात्रों के लिए बड़ा बदलाव

राज्य के 38 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में से एक दर्जन से ज्यादा कॉलेजों में लैंग्वेज लैब स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही 42 राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में भी लैंग्वेज लैब की स्थापना की जाएगी। विभाग ने इन संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण आधारभूत सुविधाओं को प्राथमिकता देने का आदेश दिया है, ताकि छात्रों को बेहतर तकनीकी शिक्षा मिल सके।

नए लैंग्वेज लैब की स्थापना

विभाग ने सभी प्राचार्यों से चालू वित्तीय वर्ष में आवंटित राशि का खर्च और योजनाओं की प्रगति पर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, सहायक निदेशकों से योजनाओं की मॉनिटरिंग के संबंध में भी जानकारी ली गई है।

स्थानीय भाषा में पुस्तकें रखने का निर्णय

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने राज्य के स्कूलों के पुस्तकालयों में स्थानीय भाषाओं में पुस्तकें रखने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्राथमिक से उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक के पुस्तकालयों में हिंदी, मैथिली, भोजपुरी, अंगिका, बज्जिका, मगही, जनजातीय भाषाओं की पुस्तकें रखी जाएंगी। यह पहल बच्चों को अपनी संस्कृति और भाषा से जोड़ने का प्रयास है।

पुस्तकालय में मनोरंजक और ज्ञानवर्धक सामग्री

नई योजना के तहत बच्चों के लिए मनोरंजक, ज्ञानवर्धक, पर्यावरण से संबंधित, नैतिक मूल्यों पर आधारित, स्वावलंबी बनने, महापुरुषों की जीवनी, इतिहास, भूगोल और देशभक्ति पर पुस्तकें भी उपलब्ध होंगी। कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षा से संबंधित पुस्तकें प्राथमिकता से रखी जाएंगी। पुस्तकालय में कोई भी विवादित पुस्तक नहीं रखी जाएगी। जाति, धर्म या संप्रदाय विशेष को ठेस पहुंचाने वाली किताबों को पुस्तकालय से दूर रखा जाएगा।

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