India News (इंडिया न्यूज),Tejashwi Yadav: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार विनियोग संख्या विधेयक 2025 का विरोध करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के साथ हमेशा से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। तेजस्वी ने कहा कि भारत के बजट में बिहार को नजरअंदाज किया गया है और केंद्र सरकार बार-बार एक ही रवैया दोहरा रही है। उन्होंने राज्य की बदहाल स्थिति को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाए।
अपराध और भ्रष्टाचार में बिहार सबसे आगे है- तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने बिहार की आर्थिक स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि यह देश का सबसे गरीब राज्य है, जहां बेरोजगारी चरम पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि अपराध और भ्रष्टाचार में बिहार सबसे आगे है और सरकार के तमाम दावों के बावजूद हालात नहीं सुधर रहे। उन्होंने दावा किया कि सरकार के आत्मचिंतन और मंथन का कोई फायदा नहीं हो रहा है क्योंकि राज्य सही हाथों में नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में बोलते हुए भाजपा नेता और बिहार सरकार में मंत्री सम्राट चौधरी पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर जो आंकड़े और तर्क उन्होंने पेश किए, उसे सम्राट चौधरी समझ नहीं पाए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “उनके दिमाग की बत्ती ही नहीं जली।”
‘लौंडा नाच’ विवाद पर भी प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव ने ‘लौंडा नाच’ विवाद पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह लोक संस्कृति का हिस्सा है, जिसे भिखारी ठाकुर के जमाने से बिहार में प्रचलित माना जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता इसकी आलोचना कर रहे हैं, जबकि लालू यादव के समय में जब यही परंपरा थी, तब सम्राट चौधरी खुद उसमें शामिल होकर तालियां बजाते थे।
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— Aakash (@OfficialAaKu) March 24, 2025
बिहार की जनता को धोखा दिया है- तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने बिहार के बजट को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि जब 1990 में लालू यादव मुख्यमंत्री बने थे, तब बिहार का बजट 25,000 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर 13 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। लेकिन मौजूदा सरकार ने चुनावी वर्ष में बजट को अचानक 39,000 करोड़ रुपये बढ़ा दिया, जिसका कोई ठोस आधार नहीं है। उन्होंने पूछा कि इससे बिहार को फायदा हुआ या कर्ज में डुबो दिया गया? तेजस्वी यादव ने शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पिछले साल के बजट का 60 प्रतिशत हिस्सा खर्च ही नहीं कर पाई, जबकि विभिन्न विकास योजनाएं अधूरी पड़ी हैं। उन्होंने बिहार में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली, लीक होते परीक्षा पत्र और प्रशासनिक भ्रष्टाचार को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाए। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अपराधियों को जाति के चश्मे से देखा जाता है, जबकि अपराध की कोई जात नहीं होती। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा को अपनी सरकार की चिंता तो है, लेकिन मुख्यमंत्री को राष्ट्रगान की भी फिक्र नहीं। उन्होंने सरकार पर बिहार की जनता को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बजट केवल कागजों पर दिखाने के लिए है, जमीनी हकीकत में इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला।