India News Bihar(इंडिया न्यूज़),Patna News: राजधानी पटना में जमीअत उलेमा-ए-हिंद के संविधान बचाओ सम्मेलन में लोगों को सजा देते हुए मौलाना अरशद मदानी ने देश की आजादी का जिक्र करते हुए कहा कि हम आजादी के लिए तब से बैटल गर्ल थे, जब कांग्रेस का जन्म भी नहीं हुआ था। कांग्रेस का मकसद मुज़ाहिरा की आज़ादी नहीं थी। बल्कि कांग्रेस का निर्माण इसलिए हुआ, जिससे ब्रिटिश हुकूमत और मुज़फ़्फ़ार लोगों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जा सके। मदनी ने PM मोदी पर भी विश्लेषणात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने कहा है कि वक्फ में कोई चीज नहीं है, मुझे बड़ी परेशानी हुई। कल को ऐसे में कह देंगे नमाज़ और जकात का भी दस्तूर नहीं है। वक्फ में संशोधन के मामले पर हमारा ऐतराज है।
मौलाना मदनी ने कहा कि कोई ये समझता है कि मुल्क का दस्तूर केवल हिन्दुओं ने बनाया है, तो वो दुनिया के बारे में कुछ नहीं जानता है। मुसलमानों का किरदार मुल्क के साथ 145 वर्षों पुराना है। कोई माई का लाल नहीं है, जो इसे खारिज कर सके। जमीअत उलमा-ए-हिन्द प्यार, मोहम्मद के लिए कुर्बानी देते आई है। मुल्क में अमन- चैन के लिए हम काम करते आए हैं। हमारे बुजुर्गों ने कुर्बानी देकर मुल्क को आजाद कराया है।
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‘वक्फ में संशोधन के मामले पर हमें ऐतराज है’
राजधानी पटना में जमीयत उलमा-ए-हिंद के संविधान बचाओ सम्मेलन में लोगों को संबोधित करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने देश की आजादी का जिक्र करते हुए कहा कि हमने आजादी की लड़ाई तब से लड़ी जब कांग्रेस का जन्म भी नहीं हुआ था। कांग्रेस का मकसद देश की आजादी नहीं था। बल्कि कांग्रेस का गठन इसलिए हुआ था ताकि ब्रिटिश सरकार और देश की जनता के बीच समन्वय बनाया जा सके। मदनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि मोदी जी ने कहा है कि वक्फ कुछ नहीं है, मुझे बहुत हैरानी है। कल को वे कहेंगे कि नमाज और जकात भी कोई रिवाज नहीं है। हमें वक्फ में संशोधन के मामले पर ऐतराज है।
मौलाना मदनी ने कहा कि अगर कोई यह सोचता है कि देश के रीति-रिवाज सिर्फ हिंदुओं ने बनाए हैं, तो उसे दुनिया के बारे में कुछ नहीं पता। देश के साथ हमारा रिश्ता 145 साल पुराना है। इसे कोई खारिज नहीं कर सकता।
बुलडोजर एक्शन पर मदनी ने कहा?
बुलडोजर कार्रवाई पर मदनी ने कहा कि एक व्यक्ति के गलत काम की सजा पूरे परिवार को मिल रही है। अल्लाह ने हमारी फरियाद कबूल कर ली, अब कोई हमारे घर पर बुलडोजर चलाकर दिखाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में फैसला देने वाले जज हिंदू थे, मुसलमान नहीं। कोर्ट के फैसले से कुछ लोगों की मनोदशा में खलबली मच गई है। हम बार-बार सुप्रीम कोर्ट गए और हमें न्याय मिला।
मदनी ने अपने संबोधन में कहा कि यह हमारा देश है, जिसने जो धर्म पसंद किया, वह उस धर्म का अनुयायी बन गया। जैसे पांच बेटे हो सकते हैं, लेकिन माता-पिता एक ही हैं। मोदी जी को ऐसी घटिया बातें नहीं कहनी चाहिए। ऐसे बयानों से देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा होती है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा भी मदनी के निशाने पर रहे, उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री मुसलमानों को घुसपैठिया कहते हैं। वे झारखंड में दिन-रात बैठे रहे, लेकिन वहां की जनता ने उन्हें बेइज्जत कर दिया।