India News Bihar (इंडिया न्यूज), Unified Pension Scheme: महाराष्ट्र ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लागू करने वाला पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया है। इस नई योजना के तहत 2004 के बाद सेवा में शामिल हुए कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का लगभग 50 प्रतिशत पेंशन मिलेगी।

24 अगस्त को हुई घोषणा

केंद्र सरकार ने 24 अगस्त को इस स्कीम की घोषणा की, जिसमें कर्मचारी का अंशदान वर्तमान राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के 10 प्रतिशत के बराबर रहेगा, जबकि सरकार अपने अंशदान को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत करेगी। योजना में पारिवारिक पेंशन, गारंटीकृत न्यूनतम पेंशन, और सेवानिवृत्ति के बाद एकमुश्त भुगतान जैसे लाभ भी शामिल हैं।

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जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने बताया

अब सवाल उठता है कि क्या यह स्कीम बिहार में भी लागू की जाएगी? इस पर जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने मीडिया हाउस से बातचीत में अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि अगर बिहार के पेंशनधारी चाहते हैं कि इस स्कीम को बिहार में भी लागू किया जाए, तो बिहार सरकार इस पर विचार करेगी। ठाकुर ने इस स्कीम की तारीफ की और कहा कि यह लंबे समय से पेंशनधारियों की मांग थी और केंद्र सरकार के इस कदम से सरकारी कर्मचारियों में खुशी का माहौल है।

अधिकांश लोग इस स्कीम के पक्ष में हैं- देवेश चंद्र ठाकुर

हालांकि, कुछ कर्मचारी संगठन इस योजना के विरोध में हैं। ठाकुर ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हर व्यक्ति हर चीज से संतुष्ट नहीं रहता, लेकिन अधिकांश लोग इस स्कीम के पक्ष में हैं। विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान क्यों नहीं इसे लागू किया गया?

उनके अनुसार, यह योजना केवल दबाव में नहीं आई, बल्कि यह एक आवश्यक सुधार है। बिहार में इस स्कीम के लागू होने की संभावना को लेकर अभी कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन अगर पेंशनधारी इस पर जोर देंगे, तो सरकार इसे गंभीरता से विचार करेगी।

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