India News (इंडिया न्यूज)Waqf Amendment Bill 2025: बिहार समेत पूरे देश में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस विधेयक का विरोध विपक्ष के साथ-साथ जेडीयू के अंदर भी देखने को मिल रहा है। जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने इस विधेयक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जबकि पार्टी के कुछ नेता इसके समर्थन में हैं। इस बीच मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार अचानक पार्टी कार्यालय पहुंच गए, जिससे राजनीतिक हलचल और तेज हो गई।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिना किसी पूर्व सूचना के जेडीयू कार्यालय पहुंच गए। वे करीब 15 मिनट तक पार्टी कार्यालय में रहे और बंद कमरे में कार्यकर्ताओं से चर्चा की। महिला कार्यकर्ताओं ने गाना गाकर उनका स्वागत किया और सीएम के साथ फोटो खिंचवाई। सीएम ने मीडिया से कोई बात नहीं की और सीधे अपने कक्ष में चले गए। कार्यालय का निरीक्षण करने के बाद वे वापस सीएम आवास चले गए। आपको बता दें कि नीतीश कुमार के अचानक पार्टी कार्यालय पहुंचने की घटना को वक्फ विधेयक से जोड़कर देखा जा रहा है।
जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने वक्फ बिल का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जेडीयू इस बिल के समर्थन में नहीं है। उनका मानना है कि यह मुसलमानों की धार्मिक आस्था से जुड़ा मुद्दा है और इस पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिल को वापस लेने की मांग की है। वहीं जेडीयू के कुछ नेता बिल के समर्थन में हैं, जिसके चलते पार्टी में मतभेद की स्थिति पैदा हो गई है। गुलाम गौस के बयान के बाद अब सबकी निगाहें सीएम नीतीश कुमार पर टिकी हैं कि वह इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में वक्फ संशोधन बिल को लेकर जेडीयू और बीजेपी के बीच मतभेद बढ़ सकते हैं। जेडीयू की मुस्लिम वोट बैंक पर मजबूत पकड़ है, ऐसे में पार्टी इस बिल पर अपना रुख साफ नहीं कर पा रही है। सीएम नीतीश कुमार का अचानक पार्टी कार्यालय जाना इसी मुद्दे से जुड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा है।