India News ( इंडिया न्यूज),Waqf Amendment Bill: वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव का कदम विपक्षी दलों के बीच चर्चा का अहम विषय बन गया है। खास तौर पर पटना में मुस्लिम पर्सनल बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठनों के विरोध प्रदर्शन में लालू यादव और तेजस्वी यादव की मौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। दोनों नेताओं ने मंच पर उन नेताओं के साथ खड़े होकर वक्फ बिल के विरूद्ध आवाज उठाई, जो इस बिल के विरोध में हैं।
पटना में हुए इस विरोध प्रदर्शन में एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान भी मौजूद थे जो मुस्लिम समुदाय के पक्ष में खड़े नजर आए। लेकिन इस प्रदर्शन में लालू और तेजस्वी यादव का कदम खास तौर पर ध्यान खींचने वाला रहा। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह कदम और भी अहम हो जाता है, क्योंकि इससे संकेत मिलता है कि लालू यादव और तेजस्वी यादव मुस्लिम समुदाय से जुड़ने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
वक़्फ़ बिल के विरोध में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपनी नाराजगी जताई है। ममता बनर्जी ने यहां तक कहा कि वह विधानसभा में इस बिल के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेंगी। लालू यादव का मुस्लिम समुदाय के साथ खड़ा होकर विरोध करना राजनीतिक दृष्टि से एक मजबूत कदम हो सकता है, लेकिन अगर यह कदम उल्टा पड़ गया तो इसका विपरीत असर भी हो सकता है।
लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने हमेशा बिहार में मुस्लिम वोट बैंक पर ध्यान केंद्रित किया है। इस बार भी उन्होंने यही रणनीति अपनाई है। तेजस्वी यादव ने मंच से अपने समर्थकों को भरोसा दिलाया कि आरजेडी हमेशा मुस्लिम समुदाय के साथ खड़ी है और सभी को वक्फ बिल के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक दल सत्ता के लालच में इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, जबकि यह बिल देश को तोड़ने की साजिश है और लोकतंत्र और भाईचारे को खत्म करने की कोशिश कर रहा है।
प्रदर्शन स्थल पर तेजस्वी यादव ने यह समझाने की पूरी कोशिश की कि आरजेडी हमेशा मुस्लिम समुदाय की लड़ाई में उनके साथ खड़ी है और वक्फ बिल के खिलाफ सभी को एक साथ खड़ा होना होगा। तेजस्वी यादव ने कहा कि कुछ पार्टियां सत्ता के लालच में इस बिल का समर्थन कर रही हैं। तेजस्वी यादव ने कहा, वक्फ बिल देश को तोड़ने की साजिश है…लोकतंत्र और भाईचारे को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
तेजस्वी यादव कह रहे थे, एकजुट रहो…इंशा अल्लाह हम जीतेंगे…हम बिल के खिलाफ हैं…हम अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक बिल के खिलाफ एकजुट रहेंगे…हम हर जगह बिल का विरोध करेंगे। हम आप सभी के साथ खड़े हैं। तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि वक्फ बिल के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा और वे इसे किसी भी हालत में पास नहीं होने देंगे। उन्होंने बीजेपी सरकार को तानाशाह बताया और यह भी कहा कि आरजेडी और उनके समर्थक हर जगह इस बिल का विरोध करेंगे। हालांकि, मुस्लिम समुदाय के लिए तेजस्वी यादव का यह संदेश साफ था, लेकिन गैर-मुस्लिम समुदाय पर इसका क्या असर होगा, यह एक बड़ा सवाल है।
लालू यादव और तेजस्वी यादव के मुस्लिम समुदाय के साथ खड़े होने के बाद सवाल उठता है कि क्या वे इस कदम से गैर-मुस्लिम समुदाय की नाराजगी का जोखिम नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में आरजेडी को मुस्लिम वोट बैंक तो मिल सकता है, लेकिन इससे राजनीतिक जोखिम भी बढ़ सकता है। खासकर तब जब बिहार में अन्य पार्टियों ने भी इस मुद्दे पर विरोध जताया है।
वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने आरोप लगाया है कि इस विधेयक से मस्जिदों और दरगाहों को खतरा हो सकता है। पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर इस विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ और अब पटना में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के लिहाज से यह विरोध प्रदर्शन काफी अहम है।