India News (इंडिया न्यूज), Paragliding Accidents: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में पैराग्लाइडिंग के दौरान हादसों का बढ़ता हुआ सिलसिला सुरक्षा से जुड़ी गंभीर समस्याओं को उजागर कर रहा है। पिछले दो हफ्तों में दो पर्यटकों की मौत हो चुकी है, जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिरकार क्या वजह है जो लगातार ये हादसे हो रहे हैं। जांच में यह सामने आया है कि पायलटों की लापरवाही और एयरो स्पोर्ट्स नियमों का पालन न करना हादसों का मुख्य कारण है।
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क्यों हो रहे हादसे? जांच में आई ऐसी बात
पैराग्लाइडिंग के दौरान पायलटों की लापरवाही और नियमों की अनदेखी की जा रही है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ रही है। अधिकतर पायलट सेफ्टी पैराशूट का उपयोग नहीं करते हैं और पैराग्लाइडिंग साइट्स पर जरूरी एंबुलेंस भी मौजूद नहीं होती। इसके अलावा, नियमों के मुताबिक, 12 वर्ष से कम उम्र और 30 किलोग्राम से कम वजन वाले बच्चों को पैराग्लाइडिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन यह नियम अक्सर नजरअंदाज किए जाते हैं।
पैराग्लाइडिंग के दौरान पर्यटकों के सुरक्षा उपकरणों और हेलमेट का ध्यान रखना भी अनिवार्य है, लेकिन कई बार देखा गया है कि यह सुविधाएं भी पूरी नहीं होतीं। हादसों के बाद एक और गंभीर मुद्दा यह है कि पायलट द्वारा उपयोग किए गए गोप्रो कैमरों की वीडियो रिकार्डिंग अक्सर गायब हो जाती है, जिससे जांच में रुकावट आती है।
प्रशासन को कदम उठाने की आवश्यकता
पैराग्लाइडिंग के दौरान सुरक्षा के नियमों की अनदेखी को लेकर प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि पर्यटकों की जान को खतरे से बचाया जा सके और इन हादसों को रोका जा सके।