गोपालगंज/बिहार :- बिहार में बीते दिनों हुये जहरीली शराबकांड (Poisonous Liquor Case) में 75 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गयी. बिहार में मातम छाया हुआ था. शराबबंदी के बाद भी प्रदेश में शराब बिकना बंद नहीं हो रहा है. बिहार में हुई घटना ने न सिर्फ प्रदेश को बल्कि साथ-साथ पूरे देश को हिला कर रख दिया. लेकिन बिहार में अभी भी जहरीली शराब का खेल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं सारण में हुए जहरीली शराबकांड के बाद अब उत्पाद विभाग और पुलिस एक्शन मोड में है. गंडक नदी (Gandak River) के दियारा इलाके में शराब की धधकती हुई दो भट्ठियां मिलीं, जिसे उत्पाद विभाग की टीम ने ड्रोन से चिह्नित करने के बाद ध्वस्त कर दिया है. कार्रवाई गोपालगंज और केसरिया के सीमावर्ती क्रुंदरापुर गांव में की गयी है. जहां पुलिस और उत्पाद टीम को इसकी भनक नहीं लगे, इसके लिए कुएं के आकार में जमीन का गड्ढा बनाकर शराब स्टॉक किया गया था.और इस तरह से जहरीली शराब बन रही थी.

ड्रोन से लगाया गया शराब बनने के अड्डे का पता

यहां से शराब बन जाने के बाद इसे सारण, चंपारण और गोपालगंज में शराब की सप्लाई करनी थी, लेकिन इसके पहले ही मद्य निषेध विभाग की ड्रोन ने शराब तस्करों के गुप्त ठिकाने को ढूंढ निकाला, इसके बाद उत्पाद टीम ने पहुंचकर शराब की दोनों भट्ठियों को ध्वस्त कर दिया और पांच हजार लीटर चुलाई शराब और शराब बनानेवाली मशीनों को ध्वस्त कर दिया गया. फिर उसे आग के हवाले कर दिया गया, ताकि दोराबा शराब की भट्ठी चालू नहीं हो सके.

शराब तस्कर हुए फरार

जब टीम कार्रवाई वाली जगह पर पहुंची तब तक शराब तस्कर फरार हो गए थे. उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार का कहना है कि शराब तस्करों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की जायेगी.