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गुरु पूर्णिमा के मौके पर नीता अंबानी ने अपने ससुर धीरुभाई को किया याद, NMACC में शुरु की नई परंपरा

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : July 3, 2023, 6:20 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Nita Ambani Start NMACC on Guru Purnima, मुंबई: नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर में नीता अंबानी (Nita Amabani) ने गुरु पूर्णिमा के मौके पर वार्षिक उत्सव की एक परंपरा शुरु की है। इस दौरान उत्सव की शुरुआत करते हुए बिजनेसमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की पत्नी नीता अंबानी ने गुरु और शिष्य के रिश्ते को लेकर एक बहुत ही प्यारी स्पीच दी है। सभी के सामने नीता ने बहुत ही प्यार से अपने गुरु और ससुर धीरुभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) के प्रति भी सम्मान व्यक्त किया है।

नीता अंबानी ने अपनी स्पीच में कही ये बातें

आपको बता दें कि नीता अंबानी ने अपनी स्पीच नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर में मौजूद सारे कलाकारों मित्रों और उपस्थित दर्शकों के अभिवादन के साथ की। इसके बाद नीता ने स्पीच में कहा, “मैं तहे दिल से आप सभी का NMACC में स्वागत करती हूं, सबसे पहले आप सभी को गुरु पूर्णिमा की ढेरों शुभकामनाएं, गुरु पूर्णिमा के इस अवसर पर हम परंपरा कार्यक्रम के जरिए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, गुरु पूर्णिमा उत्सव गुरु और शिष्य के बीच एक खास रिश्ते को दर्शाने के लिए मनाया जाता है। गुरु नाम आते ही एक गहरी पवित्रता का अहसास होता है।” वहीं इस दौरान नीता ने अपने ससुर श्री धीरुभाई अंबानी को अपना गुरु बताया है।

नीता अंबानी ने आगे कहा, “यदि गुरु शब्द का मतलब देखे तो गु का अर्थ होता है अंधकार और रु का अर्थ होता है उजाला। यानी की गुरु अपने शिष्यों के जीवन से अंधकार दूर करते हैं और उनका जीवन उजाले से भर देते हैं, एक गुरु हमारा शिक्षक, मेंटोर, गाइड, सहायक और सारथी होता है। श्रीकृष्ण से लेकर द्रोणाचार्य तक, मैत्रेयी से चाणक्य तक और सावित्रीबाई फुले से लेकर स्वामी विवेकानंद तक, भारत को समय-समय पर कई ऐसे प्रेरक गुरुओं का साथ मिला। उन्होंने न सिर्फ अपनी शिष्यों के जीवन को बदला, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित किया।”

इसके आगे नीता ने कहा, “मुझे भी अपनी जीवन यात्रा में गुरुओं का साथ मिला और उन्होंने वैसा बनने में भी बहुत मदद की जो आज मैं हूं, मेरा माता का नाम पूर्णिमा है, गुरु पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर मैं सभी माता-पिता और अभिभावकों के प्रति पहले गुरु, शिक्षक, मेंटोर और रोल मॉडल के तौर पर सम्मान जताना चाहती हूं। वो हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए हमें गाइड करते हैं और जीवन को अमूलय शिक्षाएं भी देते हैं।”

नीता अंबानी ने अपने ससुर को किया याद

नीता अंबानी ने अपने ससुर को याद कर कहा, “मैं इस अवसर पर आज अपने सबसे प्रिय और इंस्पायरिंग गुरु मेरे फादर इन श्री धीरुभाई अंबानी को याद करना चाहूंगी। आने वाली 6 जुलाई को पापा की 21वीं पुण्यतिथि भी है, लेकिन वो आज भी जिंदा हैं, न सिर्फ हमारे दिलों में बल्कि लाखों भारतीयों के दिलों में वो आज भी जिंदा है। आज हम अपने दिल की गहराईयों और सम्मान के साथ पापा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।”

अपने आप में पूरा संस्थान हैं पापा

अपने ससुर के प्रति सम्मान जताते हुए नीता ने कहा, “पापा अपने आप में पूरा संस्थान है, वह एक आईकन, दूरदर्शी और सफल बिजनेस लीडर थे लेकिन इन सबसे ज्यादा वह एक शिक्षक रहे, उनकी उपस्थिति ही अपने आप में सबकुछ थे। उन्होंने हमेशा मुझमें भरोसा जताया और सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। मैं हर दिन शाम 7.30 बजे उन्हें याद करती हूं, क्योंकि यही समय था जब मैं रोज उनके साथ समय बिताती थी, वो मुझे अपने पास बैठाते थे और सवाल करते। टॉपिक कुछ भी हो सकता था। इसमें खेती-किसानी से लेकर शेयर बाजार तक और उन दिनों के अर्जेंटिना के वातावरण तक की बातें होती थी।”

उन्होंने कहा, “कई बार तो मैं मुकेश जी से यह जानने की कोशिश करती थी कि अगले दिन पापा मुझसे क्या, सवाल कर सकते हैं। हालांकि वह कभी मेरी मदद नहीं कर पाए, क्योंकि पापा हमेशा एक नए टॉपिक पर सवाल  करते थे। किसी भी नई बहु के लिए काफी मुश्किल समय था, मैं तो कई बार डर भी जाती थी। लेकिन आज जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो उनकी शिक्षा और मोटिवेशन के लिए धन्यवाद देती हूं।”

‘करती रहूंगी नृत्य की पूजा’

नीता अंबानी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, “मैं दिल से एक शिक्षक हूं और पेशे शिक्षाविद बनना मेरा पैशन है। लेकिन एक कलाकार के तौर पर मैं जीवनभर नृत्य की स्टूडेंट रहूंगी। नृत्य आध्यात्म, समपर्ण और ईश्वर से जोड़ने का साधन है। मैं अपने जीवन के सभी गुरुओं के प्रति सम्मान जताती हूं, एक गुरु और शिष्य का संबंध विश्वास और सम्मान पर निर्भर होता है। हमारे देश में गुरु शिष्य परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। भारतीय संस्कृति में गुरु का दर्जा ईश्वर से भी ऊंचा माना गया है। आइए हम गुरु और शिष्य के बीच के इस गहरे बंधन को सम्मान दें। उन्होंने हॉल में मौजूद सारे दर्शकों को कहा कि मेरे साथ आप भी दोहराएं, गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वर: गुरुर्साक्षात् परंब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवे: नम:।”

दिग्गज कलाकारों ने इस तरह इवेंट को बनाया यादगार

इस दौरान कई सारे दिग्गज कलाकार कल्चरल सेंटर में मौजूद थे। पंडित हरिप्रसाद चौरसिया जी का 85वां जन्मदिन था। इस दौरान उन्होंने बांसुरी पर हैप्पी बर्थडे की धुन बजाकर इसको और भी यादगार बना दिया।

 

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