इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Story Of Sher Singh Raana: जोरदार एक्शन और दमदार बॉडी को लेकर हमेशा दर्शकों से वाहवाही लूटने वाले अभिनेता विद्युत जामवाल ने हाल ही में अपनी अगली फिल्म का ऐलान किया जो कि एक बायोपिक है। कहते हैं कि यह फिल्म शेर सिंह राणा के जीवन पर आधारित होगी। इस फिल्म के ऐलान के बाद से एक ओर जहां विद्युत के फैन्स उन्हें इस किरदार में देखने के लिए एक्साइटिड हैं तो वहीं दूसरी ओर उन्हें सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया जा रहा है। फिल्म के निमार्ता होंगे विनोद भानुशाली और फिल्म का डायरेक्शन करेंगे नारायण सिंह (जो टॉयलेट: एक प्रेम कथाजैसी फिल्म बना चुके)। तो चलिए जानते हैं शेर सिंह राणा के बारे में।
शेर सिंह की कहानी अपने आप में एक फिल्म है। जिसमें भरपूर रोमांच है और एक्शन भी। शेर सिंह का जन्म 17 मई 1976 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था माता-पिता ने नाम उनका बचपन का नाम रखा पंकज सिंह राणा। छोटे से परिवार में शेर सिंह का एक भाई, माता-पिता है।
Sher Singh Raana’s wedding photo (फाइल फोटो)
वहीं शेर सिंह ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक राणा प्रताप सिंह की बेटी प्रतिमा राणा से 20 फरवरी 2018 को दिल्ली के एक होटल में शादी की। जानकारी के अनुसार, इस शादी में राणा को दहेज के तौर पर 10 करोड़ 31 लाख रुपए दिए जा रहे थे, लेकिन राणा ने ये लेने से इनकार कर दिया और एक चांदी का सिक्का लेकर शादी की रस्में पूरी कीं। इसे लेकर भी शेर सिंह काफी चचार्ओं में रहा।
फूलन देवी की हत्या के बाद शेर सिंह राणा ने इस बात को स्वीकार किया था कि उन्होंने फूलन देवी की हत्या बदला लेने की मंशा से की है। दरअसल 14 फरवरी 1981 को फूलन देवी ने बेहमई गांव में ठाकुर परिवार के 22 लोगों को लाइन में खड़ा करके गोलियों से छलनी कर दिया था। बेहमई हत्या कांड के करीब 20 साल बाद 25 जुलाई 2001 को शेर सिंह राणा ने अपने साथियों के साथ उनकी सरेआम हत्या कर दी थी। पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करते हुए राणा ने ऐलान किया था कि ये हत्या उन्होंने ठाकुर स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए की है। इसके बाद उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
राणा पर हत्या का केस चल रहा था, जेल में रहते हुए राणा को पता चला कि पृथ्वी राज चौहान के अवशेष अभी भी अफगानिस्तान में ही हैं। वो 3 साल तिहाड़ जेल में बंद रहा। 17 फरवरी 2004 को राणा जेल से फरार हो गया। इसके बाद वो मुरादाबाद की एक होटल में रुका और अपने रिश्तेदारों से एक लाख रुपए मंगाए। फिर 2 महीने वीजा के लिए भारत में ही भटकने के बाद वो बांग्लादेश पहुंचा। वहां उसने 16,500 रुपए में एक सैटेलाइट फोन खरीदा, जिससे बिना ट्रैक हुए वो अपने रिश्तेदारों से आसानी से बात कर सके। इस दौरान रिश्तेदारों से शेर सिंह राणा को 15-20 हजार रुपए हर महीने मिलते रहे। बांग्लादेश से दुबई होते हुए वो अफगानिस्तान पहुंच गया।
शेर सिंह राणा अफगानिस्तान पहुंचने के बाद वहां से गजनी पहुंचकर 11वीं शताब्दी के सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां भारत ले आया। इस दौरान शेर सिंह ने 40 मिनट का एक वीडियो भी बनाया, जिसे उसने यू-ट्यूब पर अपलोड किया है। इस वीडियो में राणा किस तरह से वहां से अस्थियां लेकर आया यह दिखाया गया है। इस दौरान शेर सिंह लगभग 2 साल जेल से फरार रहा। इसके बाद शेर सिंह राणा ने अपनी मां की मदद से गाजियाबाद के पिलखुआ में पृथ्वीराज चौहान का मंदिर बनवाया, जहां पर उनकी अस्थियां आज भी रखी हुई हैं।
इसी दौरान शेर सिंह राणा ने सवर्णों की एक पार्टी बनाई, जिसका नाम रखा राष्ट्रीय जन लोक पार्टी। शेर सिंह ने 2012 में उत्तर प्रदेश के जेवर से सुरेश राणा के खिलाफ चुनाव भी लड़ा, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा।
Story Of Sher Singh Raana
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