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Emergency: इमरजेंसी के समय क्या हुई थी फिल्म इंडस्ट्री की हालत, सरकार का विरोध करना एक्टर्स को पड़ा महंगा

Simran Singh • LAST UPDATED : June 25, 2023, 11:05 am IST

India News (इंडिया न्यूज़), Emergency, दिल्ली: फिल्में समाज के लिए वह आइना है जो समाज को सच्चाई से रूबरू करता है। लेकिन जब भी कोई ऐसी फिल्म आती है जो सरकार और समाज के खिलाफ चीजें दिखाती है, तो हमेशा फिल्म के डायरेक्टर और एक्टर को दबाने की कोशिश की जाती है और ऐसी ही हालत उस समय देखने को मिली थी। जिस समय देश में पहली बार इमरजेंसी की घोषणा महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी। इस समय सरकार के खिलाफ उठाई गई हर आवाज को दबाने की कोशिश की गई थी। चाहें वह आवाज फिल्मों के द्वारा उठाई गई हो, या फिर वह आवाज लोगों के बीच से आई हो। ऐसे में इमरजेंसी के समय देश में जाहरूकता फैलाने वाली फिल्मों से उनकी आवाज को छीन लिया गया और आज की इस खबर में 1975 के दौरान फिल्मों के हाल से हम आपको रूबरू कराएगें।

इमरजेंसी से जल रहा था देश

खबरों के मुताबिक बताया जाता है की कैसे इमरजेंसी के दौरान देश में अफरा-तफरी मची हुई थी। जहां विपक्षी दलों के नेताओं को जेल भेजा जा रहा था और कई नेताओं को उन्हें के घरों में कैद भी कर दिया गया था। इसके साथ ही फिल्मों के द्वारा उठाई गई आवाज को भी दबाने की पूरी कोशिश की गई थी। इमरजेंसी के समय कई फिल्मों के प्रिंट में आग लगा दी गई, तो कई फिल्मों आज तक भी रिलीज ही नहीं हुई।

सरकार ने इमरजेंसी के समय अपना डर दिखाते हुए फिल्म इंडस्ट्री पर दबाव बनाना शुरु कर दिया था। यह तक की यह भी कहा जाता है कि वह एक ऐसा समय था जब फिल्म इंडस्ट्री में से बड़े-बड़े स्टार्स और स्क्रिप्ट राइटर्स ने सरकार के आगें हार मान ली थी। इतना ही नहीं बॉलीवुड के मशूहर स्क्रिप्ट राइटर, संजय म्यूजिकल कंसर्ट ऑर्गनाइज करके संजय गांधी की तारीफ किया करते थे और दिलीप कुमार जैसे दिग्गज एक्टर्स भी सरकार की तारीफ करते नजर आते थे।

फिल्म इंडस्ट्री पर सरकार का दवाब

इमरजेंसी के दौरान सरकार के फैसले के कई साइड इफेक्ट देखने के बाद भी बॉलीवुड इंडस्ट्री पर सत्ता के पक्ष में बोलने के लिए प्रेशर बनाया गाया था। इमरजेंसी दौरान रहें इन्फॉर्मेंशन ब्राडकास्टिंग मिनिस्टर वीसी शुक्ला ने भी बॉलीवुड इंडस्ट्री पर प्रेशर बनाने के साथ धमकी भी दी थी की सभी इमरजेंसी के पक्ष में माहौल बनाए।

उन्होंने इंडस्ट्री के कई मशूहर स्टार्स को सत्ता के सपोर्ट में डॉक्यूमेंट्री और फिल्में बनाने का ऑटर दिया था और अगर कई भी इस फैसले के खिलाफ बोलता तो इसका असर सीधा उनके करियर और आने वाली फिल्मों पर दिखा जाता था।

बॉलीवुड के फेमस लोगों के करियर पर पड़ा असर

वीसी शुक्ला ने इमरजेंसी के दौरान एक्टर मनोज कुमार को सत्ता के समर्थन में डॉक्यूमेंट्री बनाने को कहा था। जिसके लिए मनोज ने साफ इंकार कर दिया। इसके लिए उन्हें बहुत नुकसान सेहना पड़ा। बतै दें की उनकी उस दौरान आने वाली फिल्म ‘शोर’ के रिलीज होने से दो हफ्ते पहले ही उसको दूरदर्शन पर रिलीज कर दिया गया। जिससे फिल्म बुरी तरह पिट गई और मनोज कुमार को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा।

इतना ही नहीं सिंगर किशोर कुमार को भी सरकार के सपोर्ट में काम करने को कहा गया था। लेकिन उनके इंकार करने के बाद उनके गानों पर रोक लगा दी गई। इसके साथ ही उनकी फिल्मों को भी दूरदर्शन प्रसारित होने से रोक दिया गया। इसके साथ ही बॉलीवुड की और भी और हसतियों के साथ भी ऐसा ही हुआ। इस लिस्ट में विजय आनंद, फिरोज खान, अमोल पालेकर और अभिनेता आत्मा राम का नाम भी शामिल है।

इमरजेंसी में इंदिरा गांधी पर बनी फिल्म ‘आंधी’

इमरजेंसी के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए और उनमें कई विवादित फैसले भी थे। वहीं इन ही तरह के फैसलों की वजह से उनके ऊपर फिल्म बनाई गई। जिसका नाम ‘आंधी’ था, वहीं यह फिल्म रिलीज होने से पहले ही कंट्रोवर्सी का शिकार हो गई थी। इस फिल्म को 1975 में रिलीज किया गया था और यह एक पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म थी और इस फिल्म पर इमरजेंसी के दौरान बैन लगा दिया गया था। लेकिन 1977 में भाजपा की सरकार के सत्ता में आने के बाद इस फिल्म को नेशनल चैनल पर दिखया गया था।

 

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