India News (इंडिया न्यूज), Electoral Bonds: चुनावी बांड योजना को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई जिसमें सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि, गुमनाम चुनावी बांड योजना अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। चुनावी बांड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार को अपना फैसला सुनाया है। काले धन पर अंकुश लगाने के लिए सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है।
चुनावी बांड योजना सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। राजनीतिक दलों द्वारा फंडिंग की जानकारी न देना उद्देश्य के विपरीत है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पिछले साल 2 नवंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मामले की सुनवाई के करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, ”हम सर्वसम्मत फैसले पर पहुंचे हैं। मेरे फैसले का जस्टिस गवई, जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने समर्थन किया है। इसमें दो राय हैं, एक मेरी अपनी और दूसरी जस्टिस संजीव की है। खन्ना का दोनों एक ही निष्कर्ष पर पहुंचते हैं, हालांकि तर्क में थोड़ा अंतर है।”
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