India News (इंडिया न्यूज), Prashant Kishor: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को जनसंख्या के अनुपात में राजनीतिक प्रतिनिधित्व की जोरदार वकालत की और कहा कि उनकी पार्टी इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में अत्यंत पिछड़े वर्गों (ईबीसी) से 70 उम्मीदवार उतारेगी। राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने किशोर पूर्व मुख्यमंत्री और ईबीसी आवाज कर्पूरी ठाकुर की जयंती के अवसर पर यहां आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा, “जन सुराज पार्टी का मानना ​​है कि जनसंख्या के अनुपात में राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसलिए हम अत्यंत पिछड़े वर्गों से 70 उम्मीदवारों को टिकट देंगे।” जनता दल (यू), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का नाम लिए बिना किशोर ने कहा, “ये तीनों दल मिलकर कुल 70 ईबीसी उम्मीदवार नहीं उतार सकते। लेकिन जन सुराज पार्टी न केवल 70 ईबीसी को टिकट देगी बल्कि उन लोगों का खर्च भी उठाएगी जो चुनाव लड़ने की क्षमता रखते हैं लेकिन उनके पास संसाधन नहीं हैं।”

जन सुराज पार्टी की स्थापना पिछले साल अक्टूबर में हुई थी। किशोर ने विधानसभा चुनाव में 40 महिलाओं को टिकट देने का भी वादा किया है। किशोर ने यह भी घोषणा की कि ‘हमारा मानना ​​है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण बना रहना चाहिए।’ हालांकि, उन्होंने कहा कि जब तक वंचित जातियों के बच्चों को उचित शिक्षा नहीं दी जाएगी, वे आरक्षण का लाभ नहीं उठा सकते। किशोर ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद और वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन में बिहार में शिक्षा को काफी नुकसान पहुंचा है और कुमार ईमानदार होने का दावा करते हैं, लेकिन हाल ही में उनके कार्यकाल में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी को नोटों के बंडलों के साथ पकड़ा गया था।

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जन सुराज नेता ने कहा कि शिक्षा में सुधार जरूरी है, लेकिन अनियमितताओं को दूर करने में कुछ समय लगेगा। उनके अनुसार, इसलिए जब तक चीजें ठीक नहीं हो जातीं, जन सुराज पार्टी उन गरीब छात्रों का खर्च उठाने का वादा करती है जो अपना खर्च वहन करने में असमर्थ हैं। उन्होंने पिछले महीने बीपीएससी परीक्षा को लेकर हुए विवाद का भी जिक्र किया। किशोर ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल की थी और दो सप्ताह बाद इसे तोड़ दिया था। किशोर ने यह भी आरोप लगाया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के जरिए भरे जाने वाले पदों को बेचा जा रहा है।