India News (इंडिया न्यूज), Nirmala Sitharaman: सावन के महीने की शुरुआत के साथ ही सोमवार (22 जुलाई) से संसद का मानसून सत्र भी शुरू हो रहा है। इस सत्र के दौरान 19 बैठकें होनी तय हैं। जिनमें से 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेंगी। मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लगातार सातवां बजट पेश कर निर्मला सीतारमण इतिहास बनाने जा रही हैं। बजट पेश करते ही वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड को तोड़ देंगी। हालांकि, सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अभी भी देसाई के नाम है।

2019 से अब तक निर्मला सीतारमण छह बजट पेश कर चुकी हैं

आपको बता दें कि निर्मला सीतारमण को 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाने के बाद से अब तक सीतारमण लगातार छह बजट पेश कर चुकी हैं, जिसमें इस साल फरवरी में अंतरिम बजट भी शामिल है। वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल, 2024 से मार्च, 2025) का पूर्ण बजट उनका लगातार सातवां बजट होगा। इस बजट को पेश करते ही देसाई के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगी, जिन्होंने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण और एक अंतरिम बजट पेश किए थे।

स्वतंत्र भारत में बजट पेश किए जाने से जुड़े कुछ तथ्य

26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट देश के पहले वित्त मंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और फिर बाद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में वित्त मंत्री के तौर पर कुल 10 बजट पेश किए हैं। वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नौ मौकों पर बजट पेश किया।

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महज 800 शब्दों में लिखा गया अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण

प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान आठ बजट पेश किए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया, जब वे पी वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे। सबसे लंबा बजट भाषण सीतारमण ने 1 फरवरी, 2020 को दिया था जो दो घंटे 40 मिनट का था। साल 1977 में हिरूभाई मुलजीभाई पटेल का अंतरिम बजट भाषण अब तक का सबसे छोटा भाषण है जिसमें सिर्फ 800 शब्द हैं।

सालों पहले शाम 5 बजे पेश होता था बजट

बता दें कि बजट परंपरागत रूप से फरवरी के आखिरी दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता है। लेकिन साल 1999 में समय में बदलाव किया गया और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने बजट सुबह 11 बजे पेश किया। तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है। इसके बाद साल 2017 में बजट पेश करने की तारीख बदलकर 1 फरवरी कर दी गई, ताकि सरकार मार्च के आखिर तक संसदीय मंजूरी की प्रक्रिया पूरी कर सके।

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