(दिल्ली) : राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद आज यानि मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 संसद में पेश किया। आर्थिक सर्वे 2022-23 के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था और विश्व स्तर पर क्रय शक्ति समानता (PPP) के मामले में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। सर्वे में यह भी कहा गया है कि महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था ने जो कुछ खोया था वह उससे उबर गई है। अर्थव्यवस्था जो रुक गया था उसे रिन्यूड किया जा रहा है। सर्वे में आगे कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8 प्रतिशत मुद्रास्फीति निजी खपत को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है या निवेश को कमजोर करने के लिए काफी कम है।
इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8% मुद्रास्फीति (Inflation) पर्याप्त नहीं है।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8 प्रतिशत मुद्रास्फीति (Inflation) निजी खपत को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है या निवेश को कमजोर करने के लिए पर्याप्त कम है।
आर्थिक सर्वेक्षण FY23 के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान
-बता दें, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की GDP वृद्धि 6 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है।
-वहीं, बेसलाइन आर्थिक विकास 2024 में मामूली रूप से 11 प्रतिशत और वास्तविक रूप में 6.5 प्रतिशत अनुमानित होने की संभावना है।
-आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, 31 मार्च, 2023 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए विकास दर 7 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।
-इकोनॉमिक सर्वे में कैपेक्स ग्रोथ ड्राइवर होने की संभावना है।
-RBI ने अपने लक्ष्य सीमा से ऊपर FY23 में 6.8 प्रतिशत पर हेडलाइन मुद्रास्फीति का अनुमान लगाया है।
-आर्थिक सर्वेक्षण में COVID-19, रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया भर में RBI की प्रतिक्रिया पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है।