India News (इंडिया न्यूज),Budget News 2024: आज मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश होने जा रहा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे पेश करने जा रही हैं। देश की नजर बजट पर है। केंद्र सरकार की तरफ से जब भी हर साल बजट (Budget 2024) में कुछ बातों का खास ख्याल रखा जाता है। जिसमें अपनी आमदनी और खर्च का बुरा आकलन किया जाता है। उसके बाद ही बजट को पेश किया जाता है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि आम बजट में सरकार ये भी बताती है कि सरकारी खजाने में खर्च के लिए रुपये कहां से आते हैं इसके साथ ही उन रुपयों का बजट के माध्यम से कहां-कहां खर्च किया जाएगा। ये कहना गलत नहीं होगा कि इसके जरिये सरकार अपनी प्राथमिकताओं का ख्याल तो रखती ही है साथ ही कमाई और खर्च के बीच तालमेल बैठने की भी पूरी कोशिश करती है।
- आज पेश होगा बजट 2024
- सरकारी खजाने में कहां से आता है पैसा?
- बजट का पैसा कहां होता है खर्च?
1 फरवरी को पेश हुआ था अंतरिम बजट
आपको बता दें कि इससे भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए लगातार अपना छठा बजट पेश किया थी। सीतारमण ने चालू वर्ष में राजकोषीय घाटे को 5.8% और 2024-25 तक 5.1% तक कम करने का अनुमान लगाया था। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट में कुल व्यय 47,65,768 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया था। इसमें 11,11,111 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय शामिल है। वर्ष 2024-25 के लिए प्रभावी पूंजीगत व्यय 14,96,693 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया था, जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों की तुलना में 17.7% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
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सरकारी खजाने में रुपया कहां से आता है?
सरकार के खजाने में हर एक रुपये में 63 पैसा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आएगा। बजट दस्तावेजों के अनुसार, सरकार की राजस्व संरचना से पता चलता है कि सबसे अधिक हिस्सा, 28%, उधार और अन्य देनदारियों से आता है। आयकर 19% के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि माल और सेवा कर (जीएसटी) 18% के साथ दूसरे स्थान पर है। निगम कर 17% योगदान देता है, जबकि गैर-कर प्राप्तियां 7% हैं। केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क कुल मिलाकर 9% हैं, जबकि गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां कुल आय का 1% हैं।
रुपया कहां जाता है?
व्यय के मोर्चे पर, सबसे बड़ा आवंटन, 20%, ब्याज भुगतान और कर कर्तव्यों में राज्य के हिस्से के लिए निर्धारित किया गया है। केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं और अन्य व्यय में से प्रत्येक को क्रमशः 16% और 9% का दावा है, जबकि रक्षा क्षेत्र, केंद्रीय प्रायोजित योजनाएं और वित्त आयोग से आवंटन प्रत्येक को 8% प्राप्त होता है। सब्सिडी कुल व्यय का 6% है, जबकि पेंशन का हिस्सा 4% है।