India News (इंडिया न्यूज), Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 23 जुलाई, 2024 को केंद्रीय बजट 2024-25 पेश बस कुछ ही देर में पेश करने जा रहे हैं। आज पूरे देश की नजर इस बजट पर होगी। साथ ही जो लोग सैलरी लेते हैं उनके लिए कुछ बड़ा हो सकता है। कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। आर्थिक सर्वेक्षण जिसे कर वित्त मंत्री ने पेश किया था उसमें पता चला है कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में बढ़ोतरी हुई है। इसके परिणामस्वरूप सकल कर राजस्व में भी वृद्धि हुई है। इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि सरकार बजट में वेतनभोगियों को कुछ अतिरिक्त छूट दे सकती है।
सोमवार, 22 जुलाई 2024 को देश का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। सरकार द्वारा जारी सर्वेक्षण में कई बातें सामने आई हैं, जो अच्छे भविष्य का संकेत दे रही हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में बढ़ोतरी हुई है। इसका परिणाम यह हुआ है कि सकल कर राजस्व में भी बढ़ोतरी हुई है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि सरकार वेतन पाने वाले लोगों के लिए कुछ अच्छी घोषणा कर सकती है। पिछले कई सालों से हर साल सरकार से यह उम्मीद की जाती है कि करदाताओं के हाथ में ज्यादा पैसा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बार भी लोगों को उम्मीद है कि सरकार नौकरीपेशा लोगों पर मेहरबान हो सकती है।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2023-24 में प्रत्यक्ष करों में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2024 में प्रत्यक्ष करों में 15.8% की वृद्धि होने का अनुमान है। यह वृद्धि सकल कर राजस्व (GTR) में महत्वपूर्ण योगदान देती है और सरकार की मजबूत संग्रह प्रणाली को दर्शाती है। प्रत्यक्ष करों में यह वृद्धि आर्थिक स्थिरता और विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
सरकार ने आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80जी के तहत कर छूट को जीरो कूपन, जीरो प्रिंसिपल (ZCZP) के माध्यम से किए गए योगदान पर भी लागू कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं के वित्तपोषण को प्रोत्साहित करना है। सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) के माध्यम से किए गए योगदान पर कर छूट सामाजिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
आयकर अधिनियम की धारा 10(10) के तहत पहले से उपलब्ध कर छूट को संशोधित किया गया है। अब 5 लाख रुपये से अधिक वार्षिक प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसियों से प्राप्त आय को कराधान के दायरे में लाया गया है। यह नियम उच्च मूल्य वाली बीमा पॉलिसियों पर कराधान को विनियमित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। इस संशोधन का उद्देश्य बीमा क्षेत्र में पारदर्शिता और कर संग्रह को बढ़ावा देना है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के तहत आयकर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। इनमें कर संग्रह की दक्षता, प्रत्यक्ष करों में वृद्धि और विशिष्ट छूट शामिल हैं। सरकार की ये नीतियां कर संग्रह को मजबूत करने, सामाजिक क्षेत्र में योगदान को प्रोत्साहित करने और उच्च मूल्य वाली बीमा पॉलिसियों को विनियमित करने के लिए उठाए गए कदमों को दर्शाती हैं। ये नीतियां आर्थिक विकास और स्थिरता को बढ़ावा देंगी और सामाजिक क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करेंगी।
Budget 2024: Nirmala Sitaraman बजट में कर सकती हैं ये 6 ऐलान, जानें किन्हें मिलेगा फायदा?
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