Home Loan EMI: – आरबीआई की तरफ से आज रेपो दर में 50 आधार अंकों की वृद्धि के बाद होम लोन ब्याज दर में कम से कम 20-30 आधार अंकों की बढ़ोतरी हो सकती है। मुद्रास्फीति की दर ऊंचाई पर बनी हुई है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास ब्याज दरें बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं था। हालांकि आरबीआई के इस फैसले के बाद देश में लोन लेने वालों की ईएमआई में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
होम लोन का बढ़ा बोझ
जानकारी के अनुसार, अगर आज की गई बढ़ोतरी को शामिल कर लें तो आरबीआई ने पिछले पांच महीनों में चार बार ब्याज दरों में इजाफा किया है। आमतौर पर बढ़ती ब्याज दरों का सबसे अधिक प्रभाव होम लोन की ईएमआई (Home Loan EMI) पर पड़ता है। घर की चाहत आखिर सबको होती है। होम लोन लेने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है। लेकिन आरबीआई की ताजा बढ़ोतरी होम बायर्स पर भारी पड़ सकती है।
बैंक ने कही ये बात
बैंकों का कहना है कि मई के बाद रेपो रेट में तीन बार की वृद्धि का पूरा बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला गया है। इस दौरान बैंकों ने 20 वर्ष की परिपक्वता अवधि के होम लोन की दरों में केवल एक फीसद से 1.25 फीसद की वृद्धि की है।
बढ़ सकती है होम लोन की ब्याज दरें
अब इस ताजा एलान के बाद होम लोन की ब्याज दरें फिर से बढ़ सकती हैं। उद्योग विशेषज्ञ और रियल्टी मार्केट के जानकारों को डर है कि इससे उद्योगों की अल्पकालिक अवधि के लिए बढ़ा सकते हैं। आरबीआई की तरफ से आज की 50 आधार अंकों की रेपो दर में वृद्धि के बाद, गृह ऋण ब्याज कम से कम 20-30 आधार अंकों तक बढ़ सकता है।
इतने प्रतिशत की हो सकती है बढ़ोतरी
यह होम लोन की ब्याज दरों में 80 आधार अंकों की औसत बढ़ोतरी से अधिक होगा, जिसका सामना होमबॉयर्स ने मई के बाद से किया है। इस तरह से देखें तो होम लोन में कुल बढ़ोतरी को 100 से 110 आधार अंक तक ले जाना। यानी, घर खरीदारों की ईएमआई में 8-9 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
रियल स्टेट सेक्टर में होंगे ये बदलाव
रेपो दर में आज की बढ़ोतरी के साथ संशोधित होम लोन ईएमआई में 6 महीने पहले की तुलना में औसतन 8-9 प्रतिशत की वृद्धि होगी। होम लोन की ईएमआई में लगातार बढ़ने से घरों की मांग घट सकती है। जानकारों का मानना है कि विशेष रूप से वर्तमान त्योहारी सीजन के बाद इसका असर दिखाई देगा।
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