इंडिया न्यूज, मुम्बई (Fake GST Invoice Racket) : सीजीएसटी मुंबई दक्षिण आयुक्तालय के अधिकारियों ने एक नकली जीएसटी चालान रैकेट का भंडाफोड़ किया है। यह कार्रवाई 142 करोड़ रुपये के फर्जी चालान पर 27.80 करोड़ रुपये के नकली जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लेने पर की गई है।
कार्रवाई के दौरान मैसर्स टेक्नो सैटकॉम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक को माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना जीएसटी चालान जारी करने के लिए गिरफ्तार किया गया है। सीजीएसटी मुंबई साउथ कमिश्नरेट की चोरी-रोधी शाखा को मुंबई जोन की सेंट्रल इंटेलिजेंस यूनिट से गुप्त सूचना पर मिली थी जिस पर फर्म के खिलाफ जांच शुरू की गई।
जांच के दौरान, कंपनी व्यावसायिक पते पर मौजूद नहीं थी। इसके बाद, कंपनी के निदेशक का 5 सितंबर को बयान दर्ज किया गया, जिसमें उन्होंने नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट बनाने और इस आईटीसी को डाउनवर्ड सप्लाई चेन में पारित करने में अपनी भूमिका स्वीकार की।
जांच का दायरा बढ़ा तो पता चला कि कंपनी ने अपने जीएसटी रिटर्न में धोखाधड़ी से 27.80 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने की कोशिश की। इस मामल में सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के घोर उल्लंघन में, बिना माल की आपूर्ति के टैक्स क्रेडिट पर पारित करने के लिए 142 करोड़ जारी किए गए थे।
कंपनी का निदेशक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
जांच के दौरान एकत्र किए गए भौतिक साक्ष्य के आधार पर, कंपनी के निदेशक को 6 सितंबर को गिरफ्तार किया गया और अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, एस्प्लेनेड के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उसे 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में सीजीएसटी की जांच जारी है।
डेटा विश्लेषण और नेटवर्क विश्लेषण टूल का उपयोग
गौरतलब है कि मौजूदा चालू वित्त वर्ष में सीजीएसटी मुंबई दक्षिण आयुक्तालय के अधिकारियों द्वारा की गई यह 7वीं गिरफ्तारी है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान, सीजीएसटी मुंबई दक्षिण आयुक्तालय ने 949 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता लगाया था। सीजीएसटी अधिकारी संभावित धोखेबाजों की पहचान करने और उनका पता लगाने के लिए डेटा विश्लेषण और नेटवर्क विश्लेषण टूल का उपयोग कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें : विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आई कमी, 2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा
ये भी पढ़ें : तेल विपणन कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल और डीजल के दाम, जानिए अपने शहर में क्या है रेट
ये भी पढ़ें : आफर लेटर लेने के बाद ज्वाइनिंग से किया मना, इस कंपनी के को-फाउंडर को आया गुस्सा