इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय शेयर बाजारों से निकासी का सिलसिला लगातार जारी है। डिपॉजिटरी के आंकडों के मुताबिक एफपीआई भारतीय बाजारों से इस महीने 20 मई तक 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाल चुके हैं। वहीं 2022 में अबतक एफपीआई भारतीय बाजारों से 1.65 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। इसका कारण अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी और डॉलर की मजबूती बताया जा रहा है।

भारत के अलावा इन बाजारों से भी निकासी जारी

डिपॉजिटरी के आंकडों के अनुसार एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 2 से 20 मई के दौरान भारतीय शेयरों से 35,137 करोड़ रुपये की निकासी की है। समीक्षाधीन अवधि में शेयरों के अलावा एफपीआई ने ऋण या बांड बाजार से शुद्ध रूप से 6,133 करोड़ रुपये निकाले हैं। भारत के अलावा अन्य उभरते बाजारों मसलन ताइवान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और फिलिपीन से भी एफपीआई ने निकासी की है।

FPI Withdrawal From Indian Market

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

इस बारे में मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि फेडरल रिजर्व ने दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। विदेशी निवेशक आगे चलकर अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा और अधिक आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका को लेकर चिंतित हैं।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि चूंकि प्रमुख बाजार अमेरिका में कमजोरी है और डॉलर मजबूत हो रहा है। ऐसे में एफपीआई की बिकवाली अभी जारी रहेगी।

लगातार 7 महीने की बिकवाली

गौरतलब है कि विदेशी निवेशक अप्रैल, 2022 तक लगातार 7 महीने भारतीय बाजार में बिकवाली करते रहे हैं। शुद्ध रूप से वे 1.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी कर चुके हैं। इससे पहले 6 माह तक बिकवाली के बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में एफपीआई ने शेयरों में 7,707 करोड़ रुपये की खरीद की थी। लेकिन इसके बाद से फिर से बिकवाली कर रहे हैं।

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