India News (इंडिया न्यूज़), Economy, दिल्ली: भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। तमाम प्रतिबंधों के बाद भी रूस यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जबकि दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वही अमेरिका दूसरे नंबर पर पहुंच गया। यूएस को पीछे छोड़ते हुए चीन दुनिया की नंबर-1 इकोनॉमी बन चुका है। आंकड़ों की बात करें तो भारत नंबर तीन पर है। जापान चौथे नंबर पर तो जर्मनी छठे नंबर पर है।

  • वर्ल्ड ऑफ स्टैटिसटिक्स ने दिया आंकड़ा
  • रूस पांचवें नंबर पर
  • चीन नंबर वन पर पहुंचा

दरअसल इकोनॉमी की यह परिभाषा परचेजिंग पावर पैरिटी के हिसाब से तय की गई है। इस हिसाब से टॉप-5 देशों में चीन नंबर-1 इकोनॉमी है। वहीं अमेरिका दूसरी, भारत तीसरी, जापान चौथी और रूस पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है।

11.8 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी

वर्ल्ड ऑफ स्टैटिसटिक्स नाम की संस्था ने इकोनॉमी का यह डेटा तैयार किया है। इस हिसाब से भारत की इकोनॉमी का साइज 11.8 ट्रिलियन डॉलर है। चीन की इकोनॉमी 30.3 ट्रिलियन डॉलर और अमेरिका की 25.4 ट्रिलियन डॉलर की है। वही जापान की इकोनॉमी 5.7 ट्रिलियन डॉलर, रूस की 5.32 ट्रिलियन डॉलर, जर्मनी की 5.3 ट्रिलियन डॉलर, इंडोनेशिया की 4.03 ट्रिलियन डॉलर, ब्राजील की 3.83 ट्रिलियन डॉलर, फ्रांस की 3.77 ट्रिलियन डॉलर और ब्रिटेन की3.65 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी है।

क्या होता है परचेजिंग पावर पैरिटी?

परचेजिंग पावर पैरिटी किसी देश की करेंसी की वैल्यू के साथ-साथ वहां रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी देती है। यह किसी देश की करेंसी की परचेजिंग पावर के बारे में बताती है, इसका अनुमान अनिवार्य वस्तुओं की एक बास्केट के हिसाब से होता है।इस बास्केट में अमूमन उन वस्तुओं को शामिल किया जाता है जो जीवन यापन के लिए अनिवार्य हैं और फिर करेंसी की वैल्यू के हिसाब से देखा जाता है कि किस देश की करेंसी से इस बास्केट का कितना सामान खरीदा जा सकता है।

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