इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली (Indian Economy) : 2047 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 20 हजार अरब डॉलर तक का हो जाएगा। पीएम मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसी क्रम में दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2047 तक 20 हजार अरब डॉलर हो जाएगा। यह बातें प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने 30 अगस्त, 2022 को ‘इंडिया@100 के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता रोडमैप’ जारी करते हुए यह बात कहीं।
बिबेक देबरॉय ने कहा कि 25 साल तक वास्तविक वृद्धि दर 7-7.5% रहती है तो भारत 2047 तक उच्च-मध्य आय वाला देश बन जाएगा। देश की प्रति व्यक्ति आय 10,000 डॉलर हो जाएगी। वर्ल्ड बैंक के तय मानक के मुताबिक, यदि किसी देश की प्रति व्यक्ति आय 12,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक है तो उसे उच्च आय वाला देश माना जाता है। इससे आप आसानी से भारत की मजबूत स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं।
इंडिया@100 के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता रोडमैप प्रोफेसर माइकल ई. पोर्टर द्वारा तैयार किए गए प्रतिस्पर्धात्मकता फ्रेमवर्क पर आधारित है। प्रतिस्पर्धात्मकता दृष्टिकोण निरंतर समृद्धि के वाहक के रूप में उत्पादकता के विचार को सम्मुख रखता है। यह इस संदर्भ पर बल देता है कि राष्ट्र कंपनियों को अधिक उत्पादक बनाने और व्यक्तियों को उनकी उत्पादकता के माध्यम से सृजित मूल्यों में भागीदारी करने में समर्थ बनाने में सक्षम है।
रोडमैप आने वाले वर्षों में देश की विकास यात्रा के लिए नए मार्गदर्शक सिद्धांतों का निर्धारण करने तथा भारत के विकास के लिए लक्षित लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु क्षेत्र-विशिष्ट रोडमैप विकसित करने के लिए विभिन्न राज्यों, मंत्रालयों और भागीदारों का मार्गदर्शन करने की कल्पना करता है।
इंडिया@100 रोडमैप ‘4 एस’ प्रिंसिपल पर बेस्ड खंड-विशिष्ट और क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों के आधार पर वर्ष 2047 तक भारत को उच्च आय वाला राष्ट्र बनाने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है। 4 एस’ मार्गदर्शक सिद्धांत समृद्धि की वृद्धि को ”सामाजिक प्रगति” के अनुरूप बनाने, भारत के भीतर सभी क्षेत्रों में ”साझा किए जाने”, पर्यावरण की दृष्टि से ”टिकाऊ” बनाने तथा बाहरी आघातों के समक्ष ”सुदृढ़” बनाने की जरूरत पर बल देते हुए समृद्धि हासिल करने के हमारे दृष्टिकोण को नए सिरे से परिभाषित करते हैं। इन चार महत्वपूर्ण दृष्टिकोणों वाले ‘4 एस’ मार्गदर्शक सिद्धांत लचीले और समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
इस दौरान हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर माइकल ई पोर्टर ने कहा है कि भारत दुनिया के सर्वाधिक महत्वपूर्ण देशों में एक है। भारत के 2047 तक उच्च आय वाला देश बनने का लक्ष्य पाने के लिए सामाजिक और आर्थिक एजेंडे को एकीकृत करने की जरूरत है।
मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों की मानें तो वर्ष 2022-23 में एशियाई क्षेत्र में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ने वाली एशियाई अर्थव्यवस्था होने की संभावना है, जो इस अवधि के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की औसत 7% की वृद्धि की उम्मीद करती है। विश्लेषकों ने इसे सबसे मजबूत और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया है, जो एशियाई और वैश्विक विकास में क्रमशः 28% और 22% का योगदान देती है।
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