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मुंद्रा पोर्ट ने हासिल किया नया गौरव, 200 एमएमटी कार्गो संभालने वाला पहला भारतीय पोर्ट बना

Mundra Port : अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईजेड) ने मार्च 2025 में अपनी अब तक की सबसे अधिक कार्गो हैंडलिंग का रिकॉर्ड बनाया, कुल 41.5 एमएमटी कार्गो संभालते हुए 9% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। यह उपलब्धि मुख्य रूप से कंटेनर (+19%) और लिक्विड-गैस (+5%) से प्रेरित रही।

BY: Shubham Srivastava • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Mundra Port : देश के सबसे बड़े निजी बंदरगाह, मुंद्रा पोर्ट ने हाल ही में इतिहास रच दिया जब उसने 200 एमएमटी से अधिक कार्गो हैंडल कर भारत का पहला ऐसा पोर्ट बनने का गौरव हासिल किया। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारत के बढ़ते व्यापारिक प्रभाव का प्रतीक है।

अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईजेड) ने मार्च 2025 में अपनी अब तक की सबसे अधिक कार्गो हैंडलिंग का रिकॉर्ड बनाया, कुल 41.5 एमएमटी कार्गो संभालते हुए 9% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। यह उपलब्धि मुख्य रूप से कंटेनर (+19%) और लिक्विड-गैस (+5%) से प्रेरित रही।

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Mundra Port : मुंद्रा पोर्ट ने हासिल किया नया गौरव

इस साल 200.7 एमएमटी कार्गो मुंद्रा पोर्ट ने किया हैंडल

इस वित्तीय वर्ष में मुंद्रा पोर्ट ने 200.7 एमएमटी कार्गो हैंडल किया, जिससे यह 200 एमएमटी कार्गो पार करने वाला भारत का पहला पोर्ट बन गया। यह उपलब्धि देश की लॉजिस्टिक्स क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रमाण है। इसके अलावा, विझिंजम पोर्ट ने 1 लाख टीईयू का आंकड़ा पार कर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया। पूरे वित्त वर्ष 2025 में, एपीएसईजेड ने 450.2 एमएमटी कार्गो संभाला, जिसमें कंटेनर (+20%) और लिक्विड-गैस (+9%) प्रमुख योगदानकर्ताओं में रहे। लॉजिस्टिक्स रेल वॉल्यूम 0.64 मिलियन टीईयू (+8%) और जीपी-डब्लू-आईएस वॉल्यूम 21.97 एमएमटी (+9%) तक पहुंच गया।

भारत में समुद्री व्यापार का भविष्य

भारत के समुद्री व्यापार की कहानी लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। कभी सीमित संसाधनों के साथ शुरुआत करने वाला देश, आज अपनी बंदरगाहों के जरिए वैश्विक व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। कार्गो हैंडलिंग, जो कभी सिर्फ एक साधारण प्रक्रिया मानी जाती थी, अब आर्थिक विकास की धुरी बन गई है। आधुनिक मशीनरी, स्मार्ट पोर्ट्स और ऑटोमेटेड लॉजिस्टिक्स ने भारत के बंदरगाहों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है।

आज भारत न केवल अपनी लॉजिस्टिक्स और बंदरगाह संरचना को आधुनिक बना रहा है, बल्कि दुनिया के बड़े व्यापारिक केंद्रों की सूची में अपनी जगह मजबूत कर रहा है। कार्गो हैंडलिंग अब सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि आर्थिक विकास का इंजन बन चुकी है। आधुनिक तकनीक और सुव्यवस्थित लॉजिस्टिक्स के साथ, भारत अपने समुद्री व्यापार को नए मुकाम तक ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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Adani Ports and Special Economic Zone (APSEZ)Mundra Port
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