इंडिया न्यूज, इस्लामाबाद (Pakistan Foreign Exchange Reserves): आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के बहुत बुरे दिन चल रहे हैं। हालात ये है कि तेजी से घट रहा पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 7.83 अरब डॉलर पर आ गया है। पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का यह वर्ष 2019 के बाद सबसे निचला स्तर है। यानि कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 साल के निचले स्तर पर आ गया है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने ऋण भुगतान में वृद्धि और बाहरी वित्तपोषण की कमी के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटा है।

स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के इन आंकड़ों से मालूम होता है कि वहां के विदेशी भंडार में साप्ताहिक आधार पर 55.5 करोड़ डॉलर यानी 6.6 फीसदी की गिरावट आई है। ऐसा इस महीने बढ़े हुए लोन रीपेमेंट और बाहरी वित्तपोषण की कमी के कारण हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक एक सप्ताह पहले 5 अगस्त को पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 8.385 अरब डॉलर था। जो घटकर अब 7.83 अरब डॉलर रह गया है। हालांकि बाजार विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान का मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार एक महीने के आयात खर्चों के लिए काफी है।

पाकिस्तान में महंगाई चरम पर

एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को इस समय 39.58 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हो रहा है। इसलिए पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा समाप्त हो रही है, लेकिन आयात के बिल बढ़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान में इन दिनों महंगाई ने सारे पुराने रिकार्ड तोड़ दिए हैं। यहां की सरकार ने महज 3 महीने में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 75 प्रतिशत से भी ज्यादा की बढ़ोतरी की है। यहां पेट्रोल और की कीमतें 200 प्रति लीटर से भी ज्यादा है। देश के आयात शुल्क से परेशान पाकिस्तान के हुक्मरानों ने वहां की आवाम से चाय कम पीने तक के निर्देश दिए हैं। दरअसल पाकिस्तान में चाय का काफी आयात होता है। इस कारण आयात कम करने के लिए लोगों को चाय कम पीने की सलाह दी गई है।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 572.978 अरब डॉलर

जानना जरूरी है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 572.978 अरब डॉलर है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 5 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 572.978 अरब डॉलर रह गया। जबकि इससे पहले 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 2.315 अरब डॉलर बढ़कर 573.875 अरब डॉलर रहा था। 5 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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