India News (इंडिया न्यूज़), RBI Press Conference, दिल्ली: रिजर्व बैंक ने 3 दिन तक चली बैठक के बाद आखिर आम आदमी के हित में फैसला लिया है। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद गुरुवार को बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। इसका बाद महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी ने थोड़ी राहत ली। यह लगातार दूसरी बार है जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को स्थिर बनाए रखा है।
- महंगाई बढ़ रही लगातार
- आम आदमी को राहत
- विकास दर भी कुछ खास नहीं
रिजर्व बैंक की MPC बैठक मंगलवार को शुरू हुई थी और 3 दिन तक बैठक में मंथन के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि अभी आम आदमी पर महंगे कर्ज का बोझ डालने का सही समय नहीं है। लिहाजा रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया और इसे 6.5 फीसदी पर बनाए रखा गया है।
क्या है इसका फायदा
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं को मतलब यह है कि आम आदमी का होम लोन, ऑटो लोन या अन्य किसी भी तरह का खुदरा कर्ज महंगा नहीं होगा और उन पर ईएमआई का बोझ भी नहीं आएगा। 2023 में पहले RBI ने 2.5 फीसदी रेपो रेट बढ़ाया था।
महंगाई काबू करने का लक्ष्य
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि उनका फोकस महंगाई को काबू करने पर है। हमारा लक्ष्य खुदरा महंगाई की दर को 4 फीसदी तक लाने का है। अभी महंगाई दर हमारे लक्ष्य से ऊपर है, लिहाजा हम कर्ज की ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखेंगे। खुदरा महंगाई की वजह से ही आम आदमी पर खर्च का बोझ बढ़ गया है। ऐसे में ईएमआई का बोझ बढ़ाना ठीक नहीं होगा.
महंगाई अनुमान से ज्यादा
गवर्नर ने कहा कि हमारा लक्ष्य भले ही खुदरा महंगाई की दर को 4 फीसदी तक लाने का है, लेकिन हकीकत इसके उलट दिख रही. 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान 5.1 फीसदी से बढ़कर 5.4 फीसदी पहुंच गया है। आगे भी महंगाई बढ़ने का जोखिम बना रहेगा, क्योंकि ग्लोबल मार्केट में अब भी स्थिरता नहीं दिख रही है। चालू वित्तवर्ष में विकास दर 6.5 फीसदी ही रहेगी। पहली तिमाही अप्रैल-जून में इसके 8 फीसदी रहने का अनुमान है।
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