इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Rupee Opens Strongly): विदेशी मुद्रा कारोबार आज रुपया 10 पैसे मजबूती के साथ खुला। रुपया आज 79.56 रुपये के स्तर पर खुला। जबकि बीते दिन यह 75.66 पर बंद हुआ था। इससे पहले सोमवार को भी डॉलर के मुकाबले रुपया 35 पैसे की कमजोरी के साथ 79.66 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। गिरते रुपये को संभालने के लिए आरबीआई ने कई ठोस कदम उठाए हैं। इन्हीं के तहत रुपये में पिछले कुछ दिनों में मजबूती आई है।
गौरतलब है कि आज शेयर बाजार गिरावट में कारोबार कर रहा है। हालांकि घरेलू शेयर बाजार की शुरूआत आज हरे निशान में हुई थी। लेकिन खुलते ही बाजार में गिरावट आ गई। फिलहाल सेंसेक्स 50 अंकों की गिरावट के साथ 58820 के आसपास कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी 22 अंकों की फिसलन के साथ 15500 के लेवल पर है।
आखिरी 5 दिनों में क्या रहा रुपये का क्लोजिंग लेवल
सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 35 पैसे कमजोर होकर 79.66 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले शुक्रवार को रुपया 23 पैसे की मजबूत हुआ था और यह डॉलर के मुकाबले 79.23 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। वीरवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 31 पैसे की कमजोरी के साथ 79.46 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। जबकि बुधवार को भी रुपया में डॉलर के मुकाबले 45 पैसे की कमजोरी आई थी और यह 79.16 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। मंगलवार को रुपया 31 पैसे मजबूत हुआ था और यह 78.71 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
डॉलर महंगा होने पर क्या असर होता है
डॉलर महंगा या सस्ता होने पर देश के आयात पर सीधा असर करता है। जैसे कि भारत अपनी जरूरत का लगभग 80 फीसदी क्रूड आयल आयात करता है। इसका भुगतान डॉलर में करना होता है। यदि डॉलर महंगा होता है तो हमें ज्यादा कीमत देनी पड़ती है।
भारत को काफी ज्यादा खर्च करना पड़ता है। इससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बनाता है और इस कारण रुपये की कीमत भी प्रभावित होती है। वहीं यदि डॉलर सस्ता होता है तो खर्चा कम होता है। इससे राहत मिलती है। प्रतिदिन डॉलर में उतार चढ़ाव के कारण रुपये की स्थिति बदलती रहती है।
कैसे तय होते हैं रुपय के दाम
रुपय के दाम किसी व्यक्ति विशेष के हाथ में नहीं होता है। यह लोगों की मांग पर निर्भर करत है। इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव, देश का विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्यवस्था का असर होता है। यानि कि रुपए की कीमत इसकी खरीद-फरोख्त पर निर्भर करती है। रुपए की मांग जितनी ज्यादा होती है, इसके दाम डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत उतने ही अधिक होंगे लेकिन यदि रुपए की मांग कम होगी तो डॉलर की तुलना में इसकी कीमत कम हो जाएगी।
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