इंडिया न्यूज, Business News (Rupee Strengthens): घरेलू शेयर बाजार में तेजी के चलते रुपया आज डॉलर के मुकाबले मजबूती के साथ खुला। विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 9 पैसे की मजबूती के साथ 79.79 रुपये के स्तर पर खुला। इससे थोड़ी राहत मिलने का संकेत है। इससे पहले शुक्रवार को पूरे दिन उतार चढ़ाव के बाद रुपया बिना किसी बदलाव के बंद हुआ था।
इस साल रुपये में डॉलर के मुकाबले लगभग 7 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले कुछ महीनों में स्थानीय मुद्रा में और गिरावट आने की संभावना कम ही है। दरअसल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व 2022 की दूसरी छमाही में मौद्रिक नीति में सख्ती की रफ्तार कुछ कम कर सकता है।
पिछले 5 दिनों में क्या रहा रुपये का हाल
बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले बिना किसी घटबढ़ के 79.88 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। वहीं वीरवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 25 पैसे की कमजोरी के साथ 79.88 रुपये के पर बंद हुआ। इससे पहले बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया में 3 पैसे की कमजोरी आई थी और यह 79.63 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। मंगलवार को रुपया में 16 पैसे की कमजोरी आई और यह डॉलर के मुकाबले 79.60 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे की कमजोरी के साथ 79.44 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
शेयर बाजार में तेजी का रुख
गौरतलब है कि आज हफ्ते के पहले दिन भारतीय शेयर बाजार की शानदार शुरूआत हुई है। शुरूआती कारोबार में ही सेंसेक्स लगभग 500 अंकों तक उछला तो वहीं निफ्टी में भी 150 अंकों की तेजी आई। कारोबार के दौरान आज लगभग हर सेक्टर में खरीदारी आई है।
फिलहाल सेंसेक्स 450 अंकों की तेजी के साथ 54210 पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी 135 अंकों की तेजी के साथ 16185 पर है। भारत में आज से संसद का मॉनसून सत्र शुरू होगा। इस दौरान सरकार की कुल 24 बिल पास कराने की योजना है। इसका असर भी शेयर बाजार की चाल पर पड़ सकता है।
रुपये के मजबूत होने का असर
रुपया की कीमत बढ़ने और कम होने से देश के आयात एवं निर्यात पर असर पड़ता है। दरअसल, रुपया की कीमत डॉलर के तुलना में मांग एवं आपूर्ति से तय होती है। हर देश अपने पास विदेशी मुद्रा का भंडार रखता है। इससे वह देश के आयात होने वाली वस्तुओं का भुगतान करता है। वहीं रिजर्व बैंक आफ इंडिया हर सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़े आंकड़े जारी करता है। देश में विदेशी मुद्रा भंडार कितना बढ़ा या घटा है और उस दौरान देश में डॉलर की मांग क्या है, इससे भी रुपये की मजबूती या कमजोरी तय होती है।
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