इंडिया न्यूज, Rupee Weakens : हफ्ते के पहले दिन रुपया आज डॉलर के मुकाबले कमजोरी के साथ खुला। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे की कमजोरी के साथ 79.63 रुपये के स्तर पर खुला। इससे पहले शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की मजबूती के साथ 79.58 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। रुपये को ज्यादा गिरने से संभालने के लिए आरबीआई ने कई ठोस कदम उठाए हैं।
गौरतलब है कि आज शेयर बाजार में भी शानदार तेजी आई है। सेंसेक्स एक बार फिर से 60 हजार के पार हो गया है। फिलहाल सेंसेक्स में 415 अंकों की तेजी है और यह 60210 पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी भी 125 अंकों के उछाल के साथ 17960 पर ट्रेड कर रहा है।
आखिरी 5 दिनों में कैसा रहा रुपये का स्तर
शुक्रवार को रुपये में 13 पैसे की अच्छी मजबूती आई थी और यह 79.58 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले वीरवार को भी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे की शानदार मजबूती आई थी और यह 79.71 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे की कमजोरी के साथ 79.90 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 1 पैसे की मजबूती के साथ 79.84 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे की कमजोरी के साथ 79.84 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई उठाता है ये कदम
डॉलर के मुकाबले जब रुपए की कीमत काफी गिरने लगती है तो रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया इसे संभालने के लिए कई ठोस कदम उठाता है। कई ऐसी नीतियों में बदलाव करता है जिससे डॉलर की मांग को कम किया जा सके। आरबीआई अपने मुद्रा कोष से कुछ डॉलर को निकालकर बेच सकता है।
आयात को मुश्किल करने के लिए नियमों को सख्त किया जा सकता है, जिससे डॉलर की मांग कम होती है। इससे विदेशी सामानों के दाम बढ़ जाते हैं। भारतीय सामानों को विदेशी ग्राहक अधिक खरीदें इसके लिए कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे डॉलर का भंडार बढ़े। ऐसे ही कई और फैसले रिजर्व बैंक डॉलर की मांग को देश में कम करने के लिए उठा सकता है।
रुपये के कमजोर या मजबूत होने का असर
रुपया की कीमत बढ़ने और कम होने से देश के आयात एवं निर्यात पर खासा असर पड़ता है। रुपया की कीमत डॉलर के तुलना में मांग एवं आपूर्ति से तय होती है। दरअसल, हर देश अपने पास विदेशी मुद्रा का भंडार रखता है। इससे वह देश के आयात होने वाली वस्तुओं का भुगतान करता है। वहीं रिजर्व बैंक आफ इंडिया हर सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़े आंकड़े जारी करता है। देश में विदेशी मुद्रा भंडार कितना बढ़ा या घटा है और उस दौरान देश में डॉलर की मांग क्या है, इससे भी रुपये की मजबूती या कमजोरी तय होती है।
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