(दिल्ली) : जब से हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आई है तभी से अडानी ग्रुप क शेययर गिरते जा रहे हैं। SEBI और LIC के निवेशकों में विपक्ष अपनी राजनीती चमकाने के लिए डर फैला रहा है। हालाँकि, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने शुक्रवार को कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों को उसने करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है जो ओवर ऑल एक्पोजर का सिर्फ 0.88 फीसदी है। SBI के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक की ऐसी धारणा नहीं है कि अडानी ग्रुप अपनी कर्ज देनदारियों को पूरा करने में किसी तरह की चुनौती का सामना कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि SBI ने इस समूह को शेयरों के एवज में कोई कर्ज नहीं दिया है।
बता दें, खारा ने कहा कि अडानी ग्रुप की परियोजनाओं को कर्ज देते समय भौतिक संपत्तियों एवं समुचित नकदी प्रवाह को ध्यान में रखा गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समूह का बकाया कर्ज चुकाने का रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। वहीं, अडानी ग्रुप के शेयरों में पिछले कुछ दिनों में आई भारी -भरकम गिरावट के बीच कर्जदाता संस्थानों पर असर पड़ने की आशंका के बीच SBI प्रमुख ने कहा कि समूह ने कर्ज को पुनर्वित्त करने का कोई अनुरोध नहीं किया है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से मचा है हड़कंप
बता दें, बीते गुरुवार को अमेरिका स्थित फर्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि SBI ने 21000 करोड़ (2.6 अरब डॉलर) रुपये का लोन अडानी ग्रुप के कंपनियों को दिया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को नियमों के तहत जितना कर्ज देने की अनुमति है ये रकम उसकी आधी है। एसबीआई द्वारा अडानी को दिए गए पैसों में इसकी विदेशी इकाइयों से 200 मिलियन डॉलर भी शामिल हैं। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने गुरुवार को कहा कि उथल-पुथल से प्रभावित अडानी समूह की कंपनियां कर्ज चुका रही हैं और बैंक ने अब तक जो कुछ भी उधार दिया है, उसमें तत्काल उन्हें कोई चुनौती नहीं दिख रही है।