इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
हफ्ते के पहले दिन घरेलू घरेलू शेयर एक बार फिर से लाल निशान में बंद हुआ है। सेंसेक्स 365 अंक या 0.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,470 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) भी 109 अंक यानि कि 0.67 प्रतिशत गिरावट के साथ 16,301 पर बंद हुआ है।
इससे पहले सेंसेक्स (Sensex) आज 647 अंकों की गिरावट के साथ 54,188 अंक पर खुला था। खुलते साथ और नीचे आ गया। शुरूआती 15 मिनट में ही सेंसेक्स 850 अंकों से भी ज्यादा टूट चुका था। वहीं निफ्टी भी लाल निशान में 16,227 पर खुला था। शुरूआती कारोबार के दौरान बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली थी लेकिन दोपहर को बाजार ने कुछ रिकवरी की।
बैंक और मेटल शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली। मेटल इंडेक्स में 2 फीसदी से ज्यादा कमजोरी देखने को मिली. फाइनेंशियल और आटो इंडेक्स भी लाल निशान में बुद हुए हैं। हालांकि आज आईटी शेयरों में थोड़ी खरीदारी देखने को मिली है जिसके चलते आईटी इंडेक्स हरे निशान में बंद हुआ है।
Sensex के 17 और Nifty 30 शेयर लाल निशान में बंद
Sensex के 30 में से 17 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं। आज के टॉप गेनर्स में POWERGRID, HCLTECH, INFY और MARUTI शामिल हैं जबकि टॉप लूजर्स में RIL, INDUSINDBK, TATASTEEL और TECHM शामिल हैं। वहीं Nifty के 50 में से 30 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा गिरावट रिलायंस इंडस्ट्री में आई है।
Campus Activewear की शानदार लिस्टिंग
शेयर बाजार में गिरावट के बावजूद आज फुटवियर कंपनी कैंपस एक्टिववियर (Campus Activewear) के शेयरों की शानदार लिस्टिंग हुई है। कैंपस एक्टिववियर के शेयर 292 रुपए के अपर प्राइस बैंड से 63 रुपए या 21.58 प्रतिशत की बढ़त के साथ 355 रुपए पर लिस्ट हुए। लिस्टिंग के वक्त कंपनी का मार्केट कैप 10,803.57 करोड़ रुपए था। ये शेयर 378.90 पर बंद हुआ है जबकि इंट्रडे में इसने 418 का लेवल भी टच किया।
पिछले हफ्ते भी 4 प्रतिशत टूटा था शेयर मार्केट
गौरतलब है कि बीते सप्ताह भी शेयर बाजार भी भारी गिरावट रही थी। 6 मई 2022 को समाप्त हुए हफ्ते तक शेयर बाजार 4 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए थे। RBI द्वारा ब्याज दरों में की गई बढ़ोतरी और ग्लोबल मार्केट में कमजोरी के संकेत के चलते भारतीय बाजारों में भी सेंटीमेंट खराब रहा।
ये रहे बाजार गिरने के मुख्य कारण
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक गिरावट के मुख्य कारण बढ़ती महंगाई, कमजोर रुपया, कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन, रूस-यूक्रेन जंग, पाम आॅयल का इंपोर्ट रुकना है। वहीं क्रूड आॅयल की कीमतें भी बढ़ रही है।
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