इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
कोयला ब्लॉक के संचालन में देरी को लेकर सरकार सख्त है। इसी कारण सरकार ने कई कंपनियों को कोयला ब्लॉक संचालन और उत्पादन में देरी के लिए जवाब मांगा है। दरअसल, जांच समिति ने हाल ही में आयोजित अपनी 17वीं बैठक में 24 कोयला खदानों के मामलों की समीक्षा की है। इस समीक्षा बैठक के बाद समिति ने 22 कोयला ब्लॉक के लिए 16 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह जानकारी कोयला मंत्रालय ने दी।

इन कंपनियों को नोटिस जारी

जानकारी के मुताबिक सरकार की ओर से एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, हिंडाल्को, वेदांता और नाल्को समेत 16 कंपनियों को कोयला ब्लॉक के संचालन में देरी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वेदांता और एनटीपीसी को तीन-तीन ब्लॉकों के उत्पादन में देरी के लिए नोटिस जारी किए।

जबकि बिड़ला कॉर्प लिमिटेड और कर्नाटक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को 2-2 ब्लॉक के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया। इसके अलावा जिन दामोदर घाटी निगम, वेस्ट बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, बी एस इस्पात लिमिटेड और सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड को भी कोयला ब्लॉक संचालन को लेकर नोटिस जारी किया गया है।

जांच समिति का गठन

कोयला मंत्रालय ने एक जांच समिति का गठन किया है जो इन मामलों के आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी करने और आवंटियों से प्राप्त उत्तरों पर विचार करेगी और फिर रिपोर्ट तैयार करेगी। यह जांच समिति उन मामलों में दंड की सिफारिश करती है जिनमें आवंटियों की तरफ से देरी की जाती है।

उल्लेखनीय है कि कारण बताओ नोटिस उन कंपनियों को समय-समय पर जारी किए जाते हैं जो कोयला ब्लॉक के समय पर संचालन के लिए समझौते पर निर्धारित समयसीमा का पालन नहीं कर रही हैं या उतना कोयला उत्पादन नहीं कर पा रही, जितना लक्ष्य निर्धारित किया जाता है।

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