इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (S&P Report): महंगाई ने इस बार दुनियाभर में कई सालों के रिकार्ड तोड़े हैं। हालात ये हैं कि सबसे विकसित देश कहे जाने वाले अमेरिका में तो मंदी की आशंका है। इसी कारण दुनियाभर के बाजार सतर्क है। इसके बावजूद भारत में कई बड़ी कंपनियां महंगाई के दबाव को झेलने की शक्ति रखती है। यह अनुमान लगाया है अमेरिका की रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने।

एसएंडपी मानना है कि रेटेड फर्म इस दबाव को झेलने में बेहतर स्थिति में हैं। रिजर्व बैंक आफ इंडिया इस साल रेपो रेट को 1.40 फीसदी बढ़ा चुका है और आगे भी इसमें तेजी के ही आसार लग रहे हैं। इसका कारण इंफ्लेशन है। दरअसल, इंफ्लेशन अभी भी आरबीआई के तय सीमा की ऊपरी सीमा 6 फीसदी से अधिक स्तर पर है।

एसएंडपी ने मई में तेल के ऊंचे भाव, सुस्त निर्यात और हाई इंफ्लेशन के चलते चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान में कटौती कर 7.8 फीसदी से 7.3 फीसदी कर दिया था। वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी का अनुमान है कि भारत की मजबूत इकनॉमिक ग्रोथ आगे भी जारी रहेगी। इसका पॉजिटिव असर कंपनियों के रेवेन्यू पर हो सकता है।

इन कारणों से कॉरपोरेट सेक्टर की स्थिति बेहतर

एसएंडपी की रिपोर्ट के मुताबिक इस समय बड़ी रेटेड कॉरपोरेट दरों और लागत में बढ़ोतरी को झेलने की बेहतर स्थिति में हैं। इसका मुख्य कारण है कि पिछले 2 वर्षों में कंपनी ने अपने आपरेटिंग फंडामेंटल में सुधार किया है। इसके अलावा एसएंडपी का यह भी मानना है कि बढ़ती महंगाई दर गरीबों की खरीदने की क्षमता को कम कर रही है क्योंकि उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा एनर्जी और खाने पर खर्च होता है। बावजूद इसके कुछ फैक्टर्स ग्रोथ को सपोर्ट कर रहे हैं। इस बार मानसून भी बहुत अच्छा रहा है जिससे कृषि उत्पादन बेहतर होगा और इससे फूड इंफ्लेशन को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।

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