इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में निफ्टी की एक बार फिर से ग्रीन कैंडल बनी है। यानि कि बाजार बढ़त में है। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 884.57 अंक यानि 1.61 प्रतिशत और निफ्टी 231.85 अंक यानि 1.41 प्रतिशत लाभ में रहे हैं। लेकिन भारत समेत वैश्विक बाजारों पर अभी भी मुद्रास्फीति का दबाव दिखाई दे रहा है। इसी कारण भारत समेत विभिन्न केंद्रीय बैंकों द्वारा रेपो रेट्स में बढ़ोतरी की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
आने वाले सप्ताह में रिजर्व बैंक आफ इंडिया की मौद्रिक समीक्षा बैठक है। लेकिन अभी ये ये संभावनाएं जताई जा रही है कि रेपो रेट में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा निवेशक अगले हफ्ते अमेरिकी केंद्रीय बैंक से रेट्स में कटौती की उम्मीद कर रहे होंगे। चीन में मंदी को लेकर ज्यादा चिंता नहीं है लेकिन उनका ध्यान आगामी व्यापार आंकड़ों पर अधिक है।
अगले हफ्ते ही आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा की बैठक होनी है। बढ़ती मुद्रास्फीति को कंट्रोल करने के लिए आरबीआई एक बार फिर से रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कहा है कि मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर के भीतर लाने के दबावों को देखते हुए नीतिगत दर में एक और बढ़ोतरी होना कोई बड़ी बात नहीं है।
आरबीआई ने गत मई में भी रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए 4.40 प्रतिशत कर दिया था। बढ़ती मुद्रास्फीति को कम करने के लिए आरबीआई ने नीतिगत दर में बढ़ोतरी की थी। यदि आरबीआई आने वाले हफ्ते रेट हाइक करता है तो आप पर भी इसका असर हो सकता है। लोन महंगे हो सकते हैं और आपकी ईएमआई भी बढ़ सकती है। आपके होम लोन की ईएमआई बढ़ने से आपकी जेब और हल्की होगी।
अमेरिका में भी महंगाई को कम करने पर जोर दिया जा रहा है। इसी के मद्देनजर अमेरिकी फेडरेल बैंक के प्रमुख जेरोम पावेल कई बार महंगाई पर चर्चा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति भवन जा चुके हैं। 10 जून को कंज्यूमर प्राइस डेटा आएगा जिसके बाद यह साफ होगा कि क्या फेड रेट बढ़ाएगा या नहीं। एक रिपोर्ट के मुताबिक मई में कंज्यूमर प्राइस डेटा 0.7 फीसदी रहने का अनुमान है।
रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण इस बार यूरोप भी महंगाई की चपेट में है। ऐसे में इस बार उम्मीद की जा रही है कि महंगाई को काबू में लाने के लिए यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) दरों में वृद्धि कर दे। 9 जून को बैंक की बैठक होनी है। यह वृद्धि 11 सालों में पहली बार होगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि जुलाई में दरों में 25-50 बेसिस पॉइंट तक की वृद्धि संभव है।
यूक्रेन पर हमले के विरोध में यूरोपियन देश कच्चे तेल का आयात बिलकुल बंद करने की ओर बढ़ रहे हैं। इससे तेल की मांग बढ़ेगी। जबकि तेल की कीमतें इस साल पहले ही 50 फीसदी तक बढ़ चुकी है। उधर, चीन द्वारा अपनी इकोनॉमी को फिर से शुरू करने के बाद तेल की मांग में तेजी आ रही है। चीन में कोरोना केस कम होने पर लॉकडाउन हटा दिया हो लेकिन इसे डर अभी भी बना हुआ है। लॉकडाउन से चीन की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है। 9 जून को आने वाले आंकड़ों से इसके बारे में सही जानकारी मिलेगी।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
ये भी पढ़े : Mahindra की मई 2022 की सेल में आया 244 प्रतिशत का उछाल
ये भी पढ़े : मई 2022 में टॉप 10 सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों की सूची
ये भी पढ़ें : सोने चांदी की कीमतों में आज कितना हुआ बदलाव
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan News: राजस्थान के कोटपूतली जिले…
India News (इंडिया न्यूज)Arvind Kejriwal On Parvesh Verma: दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने…
आबूरोड रेलवे स्टेशन पर हुआ हादसा India News(इंडिया न्यूज),Rajasthan News: राजस्थान के सिरोही जिले के…
India News (इंडिया न्यूज)BPSC students lathicarge: बिहार की राजधानी पटना में बुधवार को BPSC अभ्यर्थियों…
Smuggling Of Indians: ईडी ने मंगलवार (24 दिसंबर, 2024) को कहा कि, वह कनाडा की…
Bollywood Christmas 2024: 25 दिसंबर का दिन क्रिसमस के रूप में पूरी दुनिया में खुशी…