सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग और अडानी मामले से जुड़े एक आवेदन को किया खारिज, आखिर क्यों हुआ इतना बड़ा फैसला?
India News (इंडिया न्यूज), Hindenburg-Adani: सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग और अडानी ग्रुप से जुड़े एक मामले में एक अर्जी खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील द्वारा दायर अर्जी में शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार के 5 अगस्त, 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी। जिसमें मामले में उनके पिछले आवेदन को पंजीकृत करने से इनकार कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा खारिज की गई अर्जी में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर अपनी निर्णायक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। उनके पिछले आवेदन को पंजीकृत करने से इनकार कर दिया गया था।
हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है?
हिंडनबर्ग रिसर्च एक वित्तीय शोध कंपनी है जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट डेटा का विश्लेषण करती है। इसकी स्थापना 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। हिंडनबर्ग रिसर्च हेज फंड में भी काम करती है। यह कॉरपोरेट जगत की गतिविधियों का खुलासा करने के लिए जानी जाती है। इस कंपनी का नाम 1937 में हुई हिंडनबर्ग आपदा पर आधारित है, जब एक जर्मन यात्री हवाई जहाज में आग लग गई थी, जिसमें 35 लोग मारे गए थे।
कंपनी के दावे के अनुसार, फर्म यह पता लगाती है कि शेयर बाजार में पैसे का कोई गलत हेरफेर तो नहीं हो रहा है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट के जरिए खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश तो नहीं कर रही है? क्या कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर बाजार में दूसरी कंपनियों के शेयरों पर दांव लगाकर उन्हें नुकसान तो नहीं पहुंचा रही है?
दीपक पिछले 2.7 सालों से प्रोफेशनल कंटेन्ट राइटर के तौर पर कार्य कर रहे हैं। इनके लिखे स्क्रिप्ट और एंकर किए हुए वीडियो लाखों लोगों तक पहुंचे हैं। दीपक ने धर्म, राजनीति, मनोरंजन और खेल जैसे विषयों पर समृद्ध लेखन किया है। ये हिंदी साहित्य में मास्टर कर चुके हैं जिसकी वजह से इनकी साहित्य में गहरी रुचि और खुद भी एक कवि के तौर पर प्रतिष्ठित हैं।