इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर विश्व बैंक की ओर से नेगेटिव खबर आई है। दरअसल, विश्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया है। इससे पहले विश्व बैंक ने भारत की ग्रोथ का अनुमान 8.7 फीसदी लगाया था।
यानि कि अब इसमें 1.2 फीसदी की कटौती की है, जिसके बाद चालू वित्त वर्ष में विश्व बैंक के मुताबिक भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी रह सकती है। जीडीपी ग्रोथ में कमी का मुख्य कारण बढ़ती महंगाई, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सप्लाई चेन में आ रही दिक्कतें और क्रूड आयल की बढ़ती कीमतें माना जा रहा है। भू-राजनीतिक तनावों के चलते ये कटौती की गई है।
इतना ही नहीं, विश्व बैंक का ये भी अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 में भी भारत की ग्रोथ 7.1 फीसदी की दर से हो सकती है। हालांकि यह विश्व बैंक के पिछले अनुमान 6.8 फीसदी से 30 बेसिस पॉइन्ट्स अधिक है। वहीं वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।
विश्व की अर्थव्यव्यवस्था है खतरे में
बता दें कि विश्व बैंक ने भारत को लेकर ही अपने दृष्टिकोण में बदलाव नहीं किया है। विश्व बैंक ने कहा है कि इस समय पूरी दुनिया की इकॉनमी फिर से खतरे में है। विश्व बैंक के मुताबिक कोरोना वायरस से हुए नुक्सान की भरपाई अभी तक पूरी भी नहीं हो पाई है, रूस और यूक्रेन युद्ध के लम्बे छिड़ जाने के कारण विश्वभर में फिर से मंदी आ सकती है।
दरअसल, युद्ध के कारण सप्लाइन चेन में रुकावटें आ रही हैं। वहीं यूरोपीय देशों द्वारा रूस के तेल का बहिष्कार करने के कारण क्रूड आॅयल की कीमतें बढ़ सकती है। इन सबके अलावा ऊंची मुद्रास्फीति के चलते भी दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था खतरे पड़ सकती है।
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