इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सलाना बैठक 2 साल के बाद कल 22 मई से दावोस के स्विटजरलैंड में होगी। यह बैठक 26 मई तक चलेगी। बैठक में तमाम देशों के लीडर दुनिया की स्थिति को परखते हुए भविष्य के लिए नीति और पार्टनरशिप करेंगे। इस बार बैठक की थीम साथ में काम करने और विश्वास बढ़ाने को लेकर बनाई गई है।
भारत की ओर से ये होंगे शामिल
वाणिज्य उद्योग मंत्रालय के मुताबिक भारतीय दल का नेतृत्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल करेंगे। दावोस जाने वाले भारत के सरकारी प्रतिनिधिमंडल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुखलाल मांडविया, पेट्रोलियम एवं आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और छह राज्यों-मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना के वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी शामिल होंगे।
भारतीय उद्योग जगत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख लोगों में जुबिलैंट इनग्रेविया के हरि एस. भरतिया, भारत फोर्ज के अमित कल्याणी, भारती एंटरप्राइजेज के राजन भारती मित्तल, यूटीवी मीडिया समूह के रोनी स्क्रूवाला, इंफोसिस के सलिल एस पारेख वहां डब्ल्यूईएफ के विभिन्न सत्रों में भाग लेंगे।
ये मुद्दे रहेंगे अहम
बता दें कि बैठक में दुनियाभर से शासन, उद्योग और व्यापार जगत तथा समाजिक और सांस्कृतिक तथा गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि एकत्रित होते हैं। डब्ल्यूईएफ की चचार्ओं में आर्थिक मुद्दों के अलावा पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन तथा महत्वपूर्ण समाजिक विषयों पर भी चर्चा होती है।
कौन कौन आएंगे सम्मेलन में
आयोजकों के अनुसार वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम राजनीतिक नेताओं, व्यापार प्रमुखों, नागरिक समाज और मीडिया के चैंपियन सहित लगभग 2,500 लोग भाग लेंगे। इनमें मुख्यत: जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, यूरोपीय संघ के प्रमुख उसुर्ला वॉन डेर लेयेन, नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग और अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी सहित 50 से अधिक सरकारों और संगठनों के प्रमुख अगले सप्ताह दावोस में उपस्थित होंगे। इस दौरान कोविड 19 और युद्ध जैसे सबसे जरूरी वैश्विक मुद्दों पर बहस करने और समाधान खोजने के लिए अगले सप्ताह दावोस में होंगे।
किसे आमंत्रित नहीं किया गया है?
इस साल बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल नहीं होंगे क्योंकि आयोजकों ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर मास्को पर पश्चिम द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनजर रूसी दल को बाहर कर दिया है। एएफपी ने डब्ल्यूईएफ के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे के हवाले से कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि रूस एक अलग रास्ते का अनुसरण करेगा।
आने वाले वर्षों में संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और अपने दायित्वों के साथ रहना शुरू कर देगा। हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की शिखर सम्मेलन को आनलाइन संबोधित करेंगे, जबकि देश के कुछ अधिकारी व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लेंगे।
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