इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के शेयरों की बाजार में निराशाजनक एंट्री रही है। एलआईसी के शेयर का इश्यू प्राइस 949 रुपए था। लेकिन 17 मई को एलआईसी का शेयर बीएसई पर करीब 9 फीसदी डिस्काउंट के साथ 867 रुपए पर लिस्ट हुआ जिससे निवेशकों के हाथ मायूसी लगी।
हालांकि शेयर के ऊपर जाने की उम्मीद थी। पर लिस्टिंग डे पर यह 875 रुपए पर बंद हुआ। इससे निवेशकों की आंखों में आंसू ही दिखे। लेकिन एलआईसी निवेशकों को यहां घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि बाजार विशेषज्ञ एलआईसी के शेयरों को लेकर बुलिश हैं।
दरअसल, एलआईसी शेयर की कमजोर लिस्टिंग की मुख्य वजह बाजार की अनिश्चितता है। सरकार ने निवेशकों को एलआईसी के शेयरों को लंबे समय तक रखने की सलाह दी है। पॉलिसीहोल्डर्स, रिटेल इनवेस्टर्स और एंप्लॉयीज को डिस्काउंट में शेयर मिला है, इसलिए उन्हें कम नुकसान हुआ है। जैसे ही बाजार में तेजी आएगी, एलआईसी के शेयर भी तेजी से ऊपर जाएंगे।
मंगलवार को लिस्टिंग पर एलआईसी के चेयरमैन एमआर कुमार ने कहा था कि एलआईसी के शेयर को अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा। बाजार में अभी गिरावट है। लेकिन आगे LIC के शेयरों में तेजी देखने को मिलेगी। एमआर कुमार ने कहा इस शेयर में कमजोरी बने रहने की कोई वजह दिखाई नहीं देती।
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Macquarie ने न्यूट्रल रेटिंग के साथ एलआईसी के शेयरों का टारगेट 1000 रुपये तय किया है। ऐसे में यहां से करीब 12 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया जा रहा है।
गौरतलब है कि छकउ 21000 करोड़ रुपए का आईपीओ लेकर आई थी। आईपीओ के दौरान कंपनी का वैल्युएशन 6.01 लाख करोड़ रुपए था। अत: कंपनी ने आईपीओ के लिए अपर प्राइस बैंड 949 रुपए रखा था। लेकिन आज कारोबार के दूसरे दिन शेयर के 881 रुपये के भाव पर LIC का मार्केट कैप लगभग 5.57 लाख करोड़ है। इसका मतलब है कि इश्यू प्राइस से गिरावट के चलते कंपनी का मार्केट कैप लगभग 44 हजार करोड़ रुपए घट गया है। यानि कि एलआईसी निवेशकों को 2 दिन में 44 हजार करोड़ का नुक्सान हो चुका है।
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