इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :
New Framework on Offline Digital Payments : देश में जैसे जैसे डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ रहा है वैसे वैसे इस पर नियंत्रण रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक कई कदम उठा रहा है। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने गांवों और कस्बों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए एक रूपरेखा जारी की है।
इसके तहत प्रति लेन-देन 200 रुपए तक के आफलाइन भुगतान (Offline Payment) की अनुमति दी गई है। इसकी सीमा 2,000 रुपए तक ही होगी। आफलाइन डिजिटल भुगतान का मतलब ऐसे लेन-देन से है जिसमें इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं पड़ती।
आफलाइन तरीके में भुगतान आमने-सामने किसी भी माध्यम से किया जा सकता है जैसे कि कार्ड, वालेट और मोबाइल उपकरणों से। केंद्रीय बैंक के अनुसार इन लेन-देन के लिए अतिरिक्त सत्यापन कारक (AFA) की जरूरत नहीं पड़ेगी। चूंकि इनमें भुगतान आफलाइन होगा इसलिए ग्राहकों को एसएमएस (SMS) या ई-मेल (E-mail) के जरिए अलर्ट कुछ समय अंतराल बाद ही मिल सकेगा। (New Framework on Offline Digital Payments)
आफलाइन तरीके से छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान सुविधा की रूपरेखा में बताया गया है कि इसमें प्रत्येक लेन-देन की सीमा 200 रुपए होगी। इसकी कुल सीमा 2,000 रुपए तक ही होगी। केंद्रीय बैंक के अनुसार देश के विभिन्न हिस्सों में सितंबर, 2020 से जून, 2021 के दौरान पायलट आधार पर आफलाइन लेन-देन शुरू किया गया था। (New Framework on Offline Digital Payments)
इसी पर मिली प्रतिक्रिया के आधार पर यह रूपरेखा तैयार की गई है। रिजर्व बैंक के अनुसार आफलाइन लेन-देन से कमजोर इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहन मिलेगा। यह सुविधा विशेष रूप से गांवों और कस्बों के लिए होगी। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। केंद्रीय बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि आफलाइन भुगतान का इस्तेमाल ग्राहकों की अनुमति के बाद ही किया जा सकता है।
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