Tax on Pan Masala: GoM यानि की मंत्रियों के एक समूह ने गुटखा-पान को लेकर 38 फीसदी ‘विशिष्ट कर आधारित शुल्क’ लगाने का प्रस्ताव पेश किया है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो सरकार के पास गुटखा और पान मसाला की बिक्री से काफी ज्यादा राजस्व आएगा। इन चीजों के रिटेल प्राइज से ये टैक्स जुड़ा हुआ होगा। इन चीजों पर अभी 28 फीसदी GST और इनके प्राइज के अनुसार मुआवजा शुल्क लगाया जाता है।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद के मंत्रियों के एक समूह को टैक्स चोरी करने वाले इन चीजों पर कैपिसिटी के हिसाब से टैक्स लगाने को लेकर विचार करने को कहा था। जिसके बाद ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी की अध्यक्षता में बनाई गई मंत्रियों की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में 38 परसेंट टैक्स लगाने को कहा गया है। बता दें कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो इससे गुटखा-पान मसाला जैसी चीजों पर टैक्स चोरी रोकने में काफी सहायता मिलेगी।
बता दें कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि GoM ने तंबाकू, चिलम, पान मसाला और हुक्का जैसी वस्तुओं पर 38 फीसदी विशेष कर का प्रस्ताव किया है। जो कि इन वस्तुओं के रिटेल सेल प्राइस का 12 फीसदी से 69 परसेंट हो सकता है। मान के चलिए कि 5 रुपये के पान मसाला के पैकेट पर 1.46 रुपये मैन्युफैक्चर की तरफ से पेमेंट होता है। जिसमें से 0.88 रुपये टैक्स डिस्ट्रीब्यूटर तथा रिटेलर द्वारा दिया जाता है। तो ये टैक्स कुल मिलाकर 2.34 रुपये होगा।
इसके साथ ही अगर GoM के तरफ से जो प्रस्ताव पेश किया गया है, अगर वह पास होता है तो टैक्स बढ़ जाएगा। मगर ये टैक्स कुल 2.34 रुपये के अंदर ही होगा। जिसका मतलब है कि मैन्युफैक्चर की तरफ से 2.06 रुपये, रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर की तरफ से 0.28 रुपये टैक्स का भुगतान किया जाएगा।
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