इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :
Voluntary Provident Fund रिटायरमेंट तक यदि आप अच्छी और बड़ी बचत करने के इच्छुक है तो आप बिलकुल सही जगह आए है यहां हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे की कैसे आप बचत कर सकते है। वॉलेंटरी प्रोविड़ेट फंड में इंवेस्ट करना आपके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इससे आपकी इच्छा अनुसार अपके वेतन का कुछ हिस्सा ईपीएफ खाते में ही जमा कराना होता है। इसका मतलब यह है कि आपको ब्याज VPF के अनुसार ही मिलता है। और अपनी सुविधा अनुसार योगदान दें सकते हैं।
वीपीएफ ईपीएफ से ही जुड़ा हुआ है। ईपीएफ में जो पैसा वेतन से काट लिया जाता है, उससे हटकर भी आप कुछ पैसा ईपीएफ में जमा करा सकते हैं। चनिए मान लीजिए आपके वेतन से ईपीएफ के 2500 रुपये कटते हैं यदि आप चाहे तो इसे बढ़ाकर 5000 या इससे अधिक भी कर सकते हैं। यह अतिरिक्त पैसा ही वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड कहलाता है।
साल का डेढ़ लाख रुपये का इंवेस्ट ही इसमें किया जा सकता है। इसका फायदा सिर्फ ऐसे लोग उठा सकते हैं, जिनका ईपीएफ खाता हो। बिना नौकरीपेशा लोग और असंगठित क्षेत्र के लोग इसका फायदा नहीं उठा सकते हैं।
यरद आपको ईपीएफ बढ़वाना है तो आपको आॅफिस के एचआर या फाइनेंस टीम से संपर्क करना होगा। और आवेदन देना होगा। उन्हें बताये कि आप वेतन से कितना पैसा वीपीएफ के लिए देना चाहते हैं। और जितना ब्याज हर साल ईपीएफ खाते पर मिलता है, उतना ही वीपीएफ पर भी मिलेगा।
पीएफ की ब्याज की दरों में हर साल चेंज आता है। इस पर हर साल एक निश्चित दर पर ब्याज मिलता है। साथ ही मिलने वाले ब्याज पर टैक्स भी नहीं देना होता। इस पर आयकर की धारा 80-सी के तहत छूट मिलती है। पीएफ की तरह लोन जैसी सुविधाएं आदि भी ले सकते हैं।
Voluntary Provident Fund
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