पवन शर्मा, चंडीगढ़:
प्रदेश के सीएम मनोहर लाल (CM Manoharlal) आजकल पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल की तर्ज पर देर रात को भी डीसी व एसपी से बात करके पूरे दिन की अपडेट ले रहे हैं। हालत यह है कि देर रात को भी जिले के अफसर आजकल अलर्ट मोड में रहते हैं कि न जाने कब सीएम का फोन आ जाए। पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल के काम करने का मुख्य तरीका यह था कि वे देर रात को अधिकारियों से फोन पर अपडेट लेते थे। इस बात की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने एक कार्यक्रम में की थी।
अब इसी तर्ज पर हरियाणा के सीएम मनोहरलाल (CM Manoharlal) भी देर रात को डीसी या एसपी से फोन पर जिले की बड़ी घटना पर न केवल विचार विमर्श करते हैं बल्िक पूरे मामले की जानकारी भी लेते हैं। अधिकारियों की मानें तो सीएम का यह अंदाज बहुत अलग है। सीएम मनोहर लाल (CM Manoharlal) ने कुछ दिन पहले करनाल का मामला हो या पलवल का दोनों ही जगह देर रात तक अधिकारियों से संपर्क साधे रखा।
एक आईपीएस अधिकारी ने बताया कि सीएम मनोहरलाल (CM Manoharlal) के पास प्रत्येक जिले की छोटी सी घटना की भी जानकारी होती है। एसपी व डीसी के पास रात को फोन करके उस मामले की जानकारी लेते हैं कि पुलिस या प्रशासन द्वारा इस मामले में क्या एक्शन लिया गया है।
सीएम मनोहरलाल (CM Manoharlal) अधिकारियों से बातचीत के दौरान साफ हिदायत देते हैं कि अगर गल्त कार्य के लिए किसी मंत्री, एमएलए या अधिकारी का फोन आए तो तुरंत उन्हे बताया जाए। कार्य वही करना है जो जनहित में हो। इसके अलावा किसी को अगर प्रताड़ित करने या कानून से अलग हटकर कार्य करने की बात हो तो साफ मना कर दिया जाए।
सीएम डीसी से कोविड वैक्सीन को लेकर जरूर चर्चा करते हैं। इसके साथ साथ स्पष्ट आदेश स्कूलों को लेकर दिए जा रहे हैं। सभी स्कूलों में कोविड नियमों का पालन हो व अध्यापकों को साफ संदेश दिया जाए कि कोविड के बारे में बच्चों को भी जागरूक किया जाए।
सीएम मनोहर लाल (CM Manoharlal) सभी विभागों के अधिकारियों को पहले ही आदेश दे चुके हैं कि विकास कार्यों में गुणवत्ता लाने व टैंडर के आवंटन में पारदर्शिता लाने की दिशा में 5 करोड़ रूपए से अधिक लागत के विकास कार्यों को वैबसाइट पर डालकर उनके टैंडर आॅनलाइन (CM Manoharlal) आमंत्रित किए जाएं, इससे कथित “सैटिंगबाजी” खत्म की जा सके। उनके इस निर्णय की राष्टद्द्रीय स्तर पर भी सराहना हो चुकी है।
कुछ विभागों में “पब्लिक-डिलिंग” पर कई-कई वर्षों तक जमे कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ जब भ्रष्टद्दाचार या कार्य में देरी की शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंची तो वे तुरंत एक्शन लिया गया है। उन्होंने मुख्य सचिव के माध्यम से ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों का रिकार्ड एकत्रित करने के निर्देश दिए जो विभिन्न विभागों, बोर्डों व निगमों के प्रधान कार्यालयों और फील्ड कार्यालयों में संवेदनशील प्रकृति के पदों पर लंबे समय से विराजमान हैं।
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