अमित शर्मा, पंचकूला:
Lalit Goyal on 3 Day Police Remand: हिंदूस्तान के बड़े रियल इस्टेट कारोबारी और आईआरईओ कंपनी के चेयरमैन ललित गोयल पर ईडी का शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है। क्योंकि लोगों से इन्वेस्टमेंट के नाम पर वसूले रुपयों को विदेशों में इन्वेस्ट करने के मामलें में ईडी ने मंगलवार को दोबारा गोयल को पंचकूला की स्पेशल ईडी कोर्ट में पेश किया।
जहां उसे दोबारा 3 दिन के पुुलिस रिमांड (Lalit Goyal on 3 Day Police Remand) पर लिया गया है। ईडी की ओर से कोर्ट में दावा किया गया है, कि वो अभी गोयल से कई अन्य जानकारियां हासिल करना चाहती है, क्योंकि उसकी कंई कंपनियां है, कई जगहों पर इन्वेस्टमेंट है, कई देशों से इस बारें में जवाब भी मांगा गया है। ऐसे में अभी उससे पूछताछ बाकी है।
ऐसे में अब ईडी की टीम ललित गोयल से अगले तीन दिनों तक पूछताछ करेगी, क्योंकि मामला लाखों लोगों की करोड़ों रुपयों की इन्वेस्टमेंट से जुड़ा है। असल में देश के बडेÞ रियल इस्टेट कारोबारी ललित गोयल की कंपनी में हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, यूपी, हिमाचल सहित कई राज्यों के लोगों ने इन्वेस्टमेंट की थी। जिसमें लोगों को मकान, फ्लैट देने का दावा किया गया था। लेकिन लोगों को अभी तक कुछ भी हासिल नहीं हुुआ है।
असल में हरियाणा में यहां पंचकूला के पिंजौर कालका अर्बन कॉम्प्लेक्स में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से जमीन लेकर मैट्रो सिटी की तर्ज पर कई सेक्टर्स को डेवलप करने का प्लान बनाया गया था। जिसमें आईआरईओ कंपनी की ओर से कई सौ एकड़ जमीन को खरीदा गया और उसके बाद यहां तीन सेक्टरों को बसाया जाना था। जिसमें लोगों को मेट्रो सिटी की तर्ज पर एक नई सिटी और बढ़िया आशियाना देने का वादा किया गया।
जिसके दम पर हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और दिल्ली के रहने वाले सैकड़ों लोगों ने करीब 600 करोड़ रुपयों को इन्वेस्ट करवाया, लेकिन कई साल गुजरने के बाद ना तो लोगों को उनका आशियाना मिला और ना ही रुपए वापिस। मामला कई सौ करोड़ और लाखों लोगों से जुड़ा हुआ था। ऐसे में ईडी को जानकारी मिली, कि गोयल ने इंडिया से रुपए जमा कर विदेश में प्रॉपर्टी को खरीदा है। ऐसे में इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट ने इस मामले में जांच शुरू की और उसके बाद गोयल को गिरफ्तार किया।
यहां पिंजौर कालका अर्बन काम्प्लेक्स में प्राईवेट कंपनियों की दिलचस्पी के बाद सरकार की ओर से कई प्राईवेट बिल्डरों को परमिशन दी गई थी। यहां डीएलएफ का प्रोजेक्ट सिरे चढ़ने के बाद लोगों को लगा, कि बाकी प्रोेजेक्ट जल्द बन जाएगें। ऐसे में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली के लोगों ने यहां प्राइवेट कंपनियों में इन्वेस्ट किया था। जिसके चलते यहां डीएलएफ की बैक साइड में बनने वाले सेक्टर 3, 4, 4ए, को बसाने के लिए आईआरईओ कंपनी की ओर से जमीन को लिया गया था।
शुरू में लोगों में मेट्रो सिटी में बनने वाले हाऊसिंग प्रोजेक्ट के नक्शे दिखाए गए, बड़ी-बड़ी बातें कहीं गईं। इसके साथ ही लोगों को बड़ी-बड़ी सुविधाओं और लोगों की इन्वेस्टमेंट के बारे में बताया गया। ऐसे में लोगों का रूझान यहां बढ़ता चला गया। ऐसे में कंपनी की ओर से वर्ष 2010 के करीब भी भारी संख्या में इन्वेस्टमेंट के नाम पर करोड़ों रुपए जमा किए गए।
असल में अंदर की कहानी ये है, कि जो परमिशन इस कंपनी को दी गई थी, उसमें एक तय समय सीमा थी, जिस पर इसके अधिकारियों की ओर से काम ही नहीं किया गया। ऐसे में लोगों के रुपए में खूब ऐश की गई, करीब 600 करोड़ से ज्यादा का ये स्कैम है, जिसमें लोगों को रुपयों को जमा करवाने के बाद उन्हें मकान, फ्लैट दिया ही नहीं गया। ऐसे में लोगों की ओर से हरियाणा, दिल्ली सहित कई जगहों पर मामले दर्ज करवाए गए थे। जिसके बाद मामला ईडी की नजर में आया, अब ईडी ने इस मामलें में डायरेक्टर रहे ललित गोयल को गिरफ्तार किया हैै। ऐसे में अब बाकी पद्दाधिकारियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
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