India News (इंडिया न्यूज), CG Naxal: देश में नक्सलवाद की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की पुलिस अब मिलकर एक नई रणनीति बनाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले वर्ष तक देश से नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में तीनों राज्यों की पुलिस नक्सल विरोधी अभियानों में एक-दूसरे का सहयोग करेगी और खुफिया जानकारी साझा करेगी।
इन राज्यों में बढ़ती दिक्कते
नक्सली संगठनों ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को एक जोन बनाकर अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। खासकर, छत्तीसगढ़ में चल रहे सख्त अभियानों के कारण नक्सली भागकर मध्य प्रदेश या महाराष्ट्र में शरण ले सकते हैं। इसी खतरे को देखते हुए तीनों राज्यों की पुलिस आपसी समन्वय बढ़ाने और ठोस रणनीति तैयार करने पर जोर दे रही है।
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नक्सल गतिविधियां
मध्य प्रदेश में करीब 70 नक्सली सक्रिय हैं, जिनमें से केवल तीन ही राज्य के मूल निवासी हैं। बाकी नक्सली छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से आए हुए हैं और वहीं से प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिले नक्सल प्रभावित हैं, जहां विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
MP पुलिस की रणनीति
खुफिया तंत्र को मजबूत करने के लिए अधिक कर्मचारियों की तैनाती और बजट में वृद्धि की जाएगी।
पैरामिलिट्री फोर्स का सहयोग लिया जाएगा।
नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कों का निर्माण, मोबाइल टावर लगाने और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने पर जोर दिया जाएगा।
आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों के जरिए बाकी नक्सलियों को भी समर्पण के लिए प्रेरित किया जाएगा।
संयुक्त कार्रवाई की योजना
तीनों राज्य नक्सल विरोधी अभियानों में आपसी सहयोग करेंगे।
जब्त किए गए दस्तावेजों और अन्य सामग्री की जानकारी साझा की जाएगी।
किसी भी राज्य में जोनल कमेटी के सदस्य की गिरफ्तारी होने पर दूसरे राज्यों में जाकर पूछताछ की जा सकेगी।
मुठभेड़ के बाद राज्यों की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।
यह रणनीति नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने में मददगार साबित हो सकती है। राज्यों के बीच बेहतर तालमेल और ठोस कार्रवाई से नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
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