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CG Naxal: नक्सलियों का तुगलकी फरमान! 8 परिवारों को गांव छोड़ने पर किया मजबूर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के बारसूर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने तुशवाल पंचायत के दो गांवों के 8 परिवारों को गांव से बेदखल कर दिया है। जानकारी के अनुसार इन परिवारों पर थुलथुली मुठभेड़ में पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाया गया है। नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर इन परिवारों को धमकी दी कि अगर वे वापस लौटे तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा।

BY: Anjali Singh • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), CG Naxal: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के बारसूर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने तुशवाल पंचायत के दो गांवों के 8 परिवारों को गांव से बेदखल कर दिया है। जानकारी के अनुसार इन परिवारों पर थुलथुली मुठभेड़ में पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाया गया है। नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर इन परिवारों को धमकी दी कि अगर वे वापस लौटे तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा।

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जनअदालत में सुनाया मौत का फरमान

ऐसे में, पीड़ित परिवारों के अनुसार, तीन दिन पहले गांव में नक्सलियों की पूर्वी बस्तर डिवीजन की कंपनी 6 की डीवीसी निर्मला, ललिता, पाकलू, रामधर और राजेश के नेतृत्व में 50 से 60 नक्सली पहुंचे थे। इसके अलावा उन्होंने पूरे गांव को जनअदालत में बुलाया और इन 8 परिवारों के खिलाफ मुखबिरी का आरोप लगाते हुए उन्हें गांव छोड़ने का फरमान सुना दिया। फिलहाल नक्सलियों की धमकी के बाद गांव में दहशत का माहौल था। डर के कारण पीड़ित परिवारों ने गांव छोड़ दिया और अब वे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। कुछ परिवार दंतेवाड़ा जिले के पनेड़ा और वाहनपुर गांवों में शरण ले रहे हैं, जबकि कुछ बस्तर जिले के किलेपाल गांव में अपने रिश्तेदारों के पास पहुंचे हैं।

गांव छोड़ने के लिए मजबूर हुए ग्रामीण

पूछताछ के दौरान पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्होंने कभी किसी से मुखबिरी नहीं की, लेकिन नक्सलियों ने बिना सबूत के उन्हें सजा सुना दी। जनअदालत के दौरान पूरे गांव में खौफनाक माहौल था, किसी को भी नक्सलियों के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं हुई। रिपोर्ट के अनुसार यह पहली बार नहीं है जब नक्सलियों ने इस तरह गांववालों को बेदखल किया हो। ग्रामीण नक्सली हिंसा और पुलिस के बीच फंसे हुए हैं। प्रशासन से इन पीड़ित परिवारों की मदद की उम्मीद की जा रही है ताकि वे सुरक्षित जीवन जी सकें।

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