India News (इंडिया न्यूज), CG Supreme Court: छत्तीसगढ़ में बस्तर जिले के दरभा ब्लॉक के छिंदवाड़ा गांव में एक ईसाई समुदाय के युवक के पिता का शव पिछले 15 दिनों से मर्च्युरी में रखा हुआ है। शव दफनाने को लेकर गांव में विवाद उत्पन्न हो गया है। पादरी सुभाष बघेल (65) की 7 जनवरी को बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उनके शव को दफनाने को लेकर गांव में बवाल शुरू हो गया।

हाई कोर्ट में नहीं हुई सुनवाई तो पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

युवक ने इस मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार से कब्रिस्तान का विवरण मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जल्द हल करने का आदेश देते हुए सभी पक्षों से शांति और समझदारी से समाधान निकालने की अपील की है।

उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, मतदान को लेकर दिखा भारी उत्साह, आईडी विवाद से मची हलचल

क्या था मामला-

याचिकाकर्ता रमेश बघेल के अधिवक्ता कॉलिन गोंजावेल्स ने तर्क दिया कि छिंदवाड़ा गांव में पहले से एक चिह्नित स्थान है, जहां ईसाइयों को दफनाया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह दावा कि ईसाइयों के शवों को दफनाने के लिए एक अन्य कब्रिस्तान है, यह एक बहाना है। उन्होंने यह भी कहा कि गांव में पहले से ही युवक के पूर्वजों की कब्रें हैं और उनके पिता का शव भी वहीं दफनाया जाना चाहिए।

कानून निपटाएगी अब मामला

राज्य सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि गांव से करीब 20 किलोमीटर दूर करकापाल में ईसाइयों का कब्रिस्तान है, जहां पड़ोसी गांवों के ईसाई समुदाय के लोग शव दफनाते हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला कानून व्यवस्था से जुड़ा है और इसे संवेदनशील तरीके से निपटाया जाना चाहिए।

बाबा महाकाल का दिव्य स्वरूप, श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती के दौरान मोबाइल प्रतिबंध