अजीत मैंदोला
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की राजनीति में अब पूजा पाठ का भी सहारा लिया जाने लगा है। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव कुर्सी के लिए पूजा पाठ में जुट गए हैं। दोनों नेताओं को आलाकमान के निर्देश के बाद पूजा पाठ का ही सहारा है। बघेल इसलिए पूजा पाठ करवा रहे हैं कि कुर्सी पर अब कोई संकट न आए। जबकि टीएस सिंह देव के समर्थक पूजा पाठ के जरिए मुख्यमंत्री पद की कुर्सी की उम्मीद लगाए हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि टीएस सिंह देव एक दिन के दिल्ली दौरे पर पूजा पाठ करवा कर लौट गए। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री बघेल आज रात अमरकंटक में पूजा पाठ करवाएंगे। सुबह वहां से एक विधायक के यहां जाएंगे। छत्तीसगढ़ में पूजा पाठ ओर टोटके आदि का नेता सहारा लेते रहे हैं। मुख्यमंत्री बघेल तो इस पर विश्वास भी करते है। सूत्रों का कहना है राहुल गांधी से मुलाकात वाले दिन दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने सुबह अपने विधानसभा क्षेत्र में चुपचाप हवन करवाया था। बघेल ने दिल्ली दौरे में जोरदार शक्ति प्रदर्शन कर आलाकमान को फैसला टालने पर मजबूर कर दिया था।
दरअसल राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में सरकार के गठन के समय बघेल और टीएस सिंह देव के बीच ढाई ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने का फार्मूला तय किया था। जब ढाई साल हो गए तो टीएससिह देव ने आलाकमान को फामूर्ले की याद दिलाई। मुख्यमंत्री बघेल को अहसास हो गया कि बात बिगड़ सकती है। सो उन्होंने अपने तरीके से दिल्ली में 50 विधायकों को इक्कठा कर आलाकमान को सीधा संदेश दिया कि बहुमत उनके साथ। सूत्रों का कहना है आलाकमान ने भी माहौल देख बदलाव के फैसले को टाल दिया। हालांकि मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोई बदलाव नही हो रहा है। उन्होंने राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ में विकास कार्य देखने को न्योता दिया है। जिसे उन्होंने स्वीकार लिया। अब राहुल कब जाएंगे तय नही है। लेकिन बघेल ओर टीएससिह देव के बीच अपने अपने तरीके से समर्थकों को सन्देश दिया जा रहा है। बघेल अपने समर्थकों को सन्देश देते हैं चिंता की कोई बात नही है उधर सिंह देव कहते हैं चिंता की कोई बात नहीं परिवर्तन होगा। प्रदेश की जनता और कार्यकर्ता भी भ्रमित हैं। लेकिन इस बीच दोनों नेताओं की तरफ से की गई पूजा पाठ ने राज्य की राजनीति को दिलचस्प बना दिया है। बघेल गत मंगलवार को पूजा करवा कर रायपुर लौट गए। आज मुख्यमंत्री बघेल ने रात को पूजा करवाई। हालांकि दोनों नेता सब कुछ गोपनीय रखने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन उनके समर्थक हर तरीका इस्तमाल करवा रहे हैं जिससे कुर्सी का संकट टल जाए। राहुल गांधी ही तय करेंगे कि बघेल की कुर्सी बचवाते हैं या टीएस सिंह देव से किया वायदा पूरा करते हैं।