Hindi News / Chhattisgarh / Chhattisgarh Forest Fire Forest Department Asleep Jogi Pali Kanki Forest Burning Throughout The Night Imprisonment Or A Conspiracy

सोता रहा वन विभाग, रात भर दहकता रहा जोगी पाली कनकी का जंगल, लापरवाह या कोई साजिश?

India News (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh Forest Fire: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के जोगी पाली कनकी जंगल में भीषण आग लग गई, जिससे जंगल का बड़ा हिस्सा जलकर राख हो गया। आग इतनी विकराल थी कि इसकी लपटें दूर से ही दिखाई दे रही थीं। ग्रामीणों द्वारा सूचना देने के बावजूद वन विभाग की ओर से […]

BY: Shagun Chaurasia • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh Forest Fire: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के जोगी पाली कनकी जंगल में भीषण आग लग गई, जिससे जंगल का बड़ा हिस्सा जलकर राख हो गया। आग इतनी विकराल थी कि इसकी लपटें दूर से ही दिखाई दे रही थीं। ग्रामीणों द्वारा सूचना देने के बावजूद वन विभाग की ओर से कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की गई, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया।

रातभर जलता रहा जंगल

जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात जंगल में आग लग गई, जो धीरे-धीरे पूरे इलाके में फैल गई। आग की भयावहता इतनी ज्यादा थी कि पेड़-पौधों के अलावा जंगल में रहने वाले जीव-जंतुओं को भी भारी नुकसान हुआ। ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी, लेकिन कोई वनकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। इस लापरवाही के चलते आग बेकाबू हो गई और कई गांवों तक फैल गई।

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Chhattisgarh Forest Fire छत्तीसगढ़ के जंगलों में लगी आग

आग लगने के पीछे असामाजिक तत्वों का हाथ?

ग्रामीणों को संदेह है कि जंगल में आग किसी असामाजिक तत्व द्वारा लगाई गई हो सकती है। अक्सर गर्मी के मौसम में इस इलाके में आगजनी की घटनाएं होती रहती हैं। बताया जाता है कि जंगल से सटे इलाकों में कुछ लोग शराबखोरी और अवैध गतिविधियों में लिप्त रहते हैं, जिससे ऐसी घटनाएं होती हैं। जंगल में आग लगने से पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है और जंगली जीव-जंतु भोजन की तलाश में गांवों की ओर आने लगते हैं।

वन्यजीवों पर खतरा

इस आगजनी की वजह से कई छोटे-बड़े पेड़ जल गए, जिससे जंगल का पारिस्थितिक संतुलन प्रभावित हुआ। आग के कारण जंगल में रहने वाले जानवरों के सामने संकट खड़ा हो गया है। हाल ही में इसी क्षेत्र में एक शीतल (सिवेट कैट) जंगल से भटककर गांव में आ गया था, जिस पर कुत्तों ने हमला कर दिया था। ग्रामीणों ने उसे बचाकर वन विभाग को सूचना दी थी, जिसके बाद उसका इलाज कराया गया।

वन विभाग की लापरवाही से नाराज ग्रामीण

स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल गर्मी के मौसम में जंगल में आग लगती है, लेकिन वन विभाग समय रहते कोई कदम नहीं उठाता। यदि आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए पहले से ही सतर्कता बरती जाए, तो इस तरह की आपदाओं को रोका जा सकता है। लोगों ने वन विभाग से जल्द से जल्द इस आग पर नियंत्रण पाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।

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