India News (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh Naxal: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई लगातार जारी है। इसके चलते नक्सली संगठन कमजोर पड़ते जा रहे हैं। हाल ही में सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों में 15 नक्सलियों ने पुलिस और CRPF के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इन नक्सलियों पर कुल 39 लाख रुपये का इनाम था।
सुकमा जिले में चल रहे ‘पूना नर्कोम’ अभियान के तहत 9 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए। इनमें से 6 महिलाएं भी शामिल हैं। सरेंडर करने वाले नक्सली कई गंभीर वारदातों में शामिल रहे हैं। इन नक्सलियों पर कुल 26 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सुरक्षा बलों की लगातार हो रही कार्रवाई से नक्सलियों में डर का माहौल है। सुकमा और दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर पुलिस और नक्सलियों के बीच कई मुठभेड़ हो चुकी हैं। इससे नक्सली अब आत्मसमर्पण करने को मजबूर हो रहे हैं।
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दंतेवाड़ा में ‘लोन वर्राटू’ (घर वापस आइए) अभियान के तहत 6 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें तीन नक्सली इनामी थे।
महिला नक्सली शांति मंडावी, जो पूर्वी बस्तर डिवीजन के कंपनी नंबर-6 की सदस्य थी, उस पर 8 लाख रुपये का इनाम था।
नक्सली सुखराम उर्फ बादल, जो उत्तर सब जोनल सदस्य था, उस पर 3 लाख रुपये का इनाम था।
नक्सली प्रकाश उर्फ चिन्ना, जो जगरगुंडा एरिया कमेटी का सदस्य था, उस पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। लगातार हो रही मुठभेड़ों से नक्सल संगठन कमजोर हो रहे हैं। सुरक्षा बलों का प्रभाव बढ़ रहा है और नक्सली आत्मसमर्पण के लिए आगे आ रहे हैं। सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन द्वारा इन्हें सहायता दी जा रही है ताकि वे एक सामान्य जीवन जी सकें।