India News (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh Naxal: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में बीजापुर मुठभेड़ के बाद 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें से 6 नक्सलियों पर 11 लाख रुपये का इनाम था। यह आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
बीजापुर मुठभेड़ के बाद आत्मसमर्पण
बीजापुर में सुरक्षा बलों ने हाल ही में 26 नक्सलियों को मार गिराया था। इसके बाद दहशत में आए 22 नक्सलियों ने सीआरपीएफ के डीआईजी देवेंद्र सिंह नेगी और एएसपी डॉक्टर यूलेण्डन यॉर्क के सामने आत्मसमर्पण किया। बताया जा रहा है कि सुरक्षा कैंप के बढ़ते प्रभाव और सरकार की नई नीति के कारण नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर होना पड़ा।
इनामी नक्सली भी शामिल
सरेंडर करने वालों में 6 नक्सलियों पर 11 लाख रुपये का इनाम था, जबकि 5 नक्सलियों पर 2-2 लाख और एक पर 1 लाख रुपये का इनाम था। बीजापुर में अब तक 107 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, 143 नक्सली गिरफ्तार हुए और 82 मुठभेड़ में मारे गए। यह आंकड़े बताते हैं कि नक्सलवाद तेजी से कमजोर हो रहा है।
सरेंडर करने वालों को प्रोत्साहन राशि
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में डिविजन पार्टी सदस्य, तेलंगाना स्टेट कमिटी, प्लाटून नंबर 09 और 10, गंगालूर एरिया कमिटी के सदस्य शामिल हैं। इनमें से कई के खिलाफ स्थायी वारंट भी जारी थे। पुलिस ने प्रत्येक नक्सली को 25-25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की है, ताकि वे मुख्यधारा में लौट सकें और शांतिपूर्ण जीवन बिता सकें।
2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने नक्सलियों की आर्थिक कमर तोड़ दी है और सुरक्षाबलों ने उनकी गतिविधियों पर कड़ा शिकंजा कसा है। सरकार और सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई के चलते नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं या मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं। आने वाले वर्षों में नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा संभव है, जिससे देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
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