India News CG (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh News: जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीर अब काफी तेजी से बदलने लग गयी है। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ के करीब दो खाली शिविरों को छात्रों के लिए स्कूल और छात्रावास में बदल दिया गया है।

शिविरों को स्कूल और छात्रावास में बदला

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीर अब काफी तेजी से बदलने लग गयी है। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ के करीब दो खाली शिविरों को छात्रों के लिए स्कूल और छात्रावास में बदल दिया गया है। तो वहीं आपको बता दें, अंतागढ़ इलाके के कधई खोदरा और बोंडानार गांवों में पहले से स्थित शिविरों में पहले बीएसएफ के कंपनी संचालन बेस हुआ करते थे।

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वहीं, नक्सलवाद पर अंकुश के लिए वहां तैनात सुरक्षा बलों द्वारा यहां के हालात बेहतर होने के बाद अपनी सारी गतिविधियां अब आगे के इलाके में केंद्रित कर दी गयी हैं। तो वहीं, अधिकारियों ने कहा कि बीएसएफ ने नक्सल से परेशान वाले इलाकों में आगे बढ़ते हुए बोंडानार शिविर को पादर गांव में जो रावघाट इलाके में आता है उसे वहां स्थानांतरित कर दिया गया है। तो वहीं, कधई खोदरा के शिविर को भी पड़ोस के ही जिले नारायणपुर के एक जंगल में स्थानांतरित कर दिया है।

शिविरों में कई सारी सुविधाएं उपलब्ध

तो वहीं, अंतागढ़ के कलेक्टर बीएस उइके ने कहा कि, कधई खोदरा गांव वाले शिविर को मौजूदा शैक्षणिक सत्र से सरकारी हाई स्कूल की तरह उसे इस्तेमाल किया जा रहा है, तो वहीं रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे शिविर को पिछले वर्ष ही लड़कों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रावास बना दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, कधई खोदरा स्कूल में करीब 33 छात्र नौवीं और 10वीं के कक्षा में पढ़ते हैं, जिसमें से करीब 16 लड़कियां हैं।

तो वहीं, बोंडानार छात्रावास में छठी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के करीब 75 लड़के वहां रहते हैं। बीएस उइके ने आगे बताया कि दोनों ही शिविरों में बच्चों के लिए पेयजल, खेल का मैदान, शौचालय और दूसरी कई सारी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

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